गाज़ा में इसराइल की लगातार बम-बारी जारी है. गाज़ा से आने वाली तस्वीरों में ऊंची-ऊंची इमारतें मलबें का ढेर बनी दिख रही हैं. इसराइल के हवाई हमलों में अब तक लगभग 6 हजार फिलिस्तीनी अपनी जान गवां चुके हैं. इसराइल के अंधा-धुंध हमलों में वे बे-गुनाह भी मारे जा रहे हैं जो पिछले वॉर में अपना घर-बार खोकर रिफ्यूजी कैंपों में रह रहे है. इसराइल हमलों में मारे जा रहे हजारों लोगों में अल-शाइमा सईदाम नाम की एक लड़की भी शामिल है, जिसकी कुछ दिनों पहले फिलिस्तीन में काफी चर्चा थी. पिछले हफ्ते गाज़ा के अल-नुसरत रिफ्यूजी कैंप पर हुए इसराइली हमले में फिलिस्तीन की 10वीं की टॉपर अल-शाइमा सईदाम की मौत हो गई. इस हमले में उनके परिवार के और सदस्य भी मारे गए हैं.


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जुलाई में अल-शाइमा सईदाम के घर खुशी का माहौल था. इसी जुलाई में सईदाम ने जर्नरल सेकेंडरी स्कूल में 99.6% नंबर के साथ इम्तिहान पास किया था. जुलाई में उनके घर ढोल-नगाड़े बज रहे थे. उसके परिवार के लिए ये एक बेहद ख़ास लम्हा था. उनकी इस कामयाबी पर पूरे मौहल्ले के लोग इकट्ठा हुए थे. वो अपनी उम्र की लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा बनकर सामने आई थी, जहाँ इसराइली सैनिकों के बन्दूक के साए में जीने वाली लड़कियों की पढाई के लिए कोई प्रॉपर इंतज़ाम नहीं है. वहां के लोग जिंदा तो रहते हैं, लेकिन इसराइली फोर्सेज के रहम -ओ -करम पर.  


इसराइल के हमलों में भी नहीं छोड़ी थी पढ़ाई
सईदाम ने टॉप करने के बाद एक फिलिस्तीनी मीडिया को बताया था की इसराइली हमलों के वक्त भी उन्होंने अपना फोकस पढ़ाई से नहीं हटाया था. फिलिस्तीनी और जॉर्डन एजुकेशन सिस्टम में 'ताव्जिही' नामक इम्तिहान की सिरीज होती है, जिसको पास करने के बाद स्टूडेंट्स को उनके पसंद के कॉलेज में एडमिशन मिलता है. अपनी तैयारी के बारें में सईदाम ने बताया था कि उन्होंने इसको हासिल करने के लिए रात-रात भर जाग-कर पढ़ाई करनी पड़ी थी. 


जंग रुकने के आसार नहीं 
इसराइल और हमास की जंग को करीब 20 दिन हो चुकें है. इसके अभी रुकने के आसार नहीं दिख रहे है. जहां इसराइल गाज़ा में ग्राउंड इंवेजन करने की तैयार कर रहा है, तो उधर हमास के लीडरों ने हिजबुल्लाह के साथ लेबनान में मीटिंग की है. खबर है की इस मीटिंग हमास, इस्लामिक जिहाद और हिजबुल्लाह ने इसराइल के खिलाफ एकजुट होकर जंग लड़ने की संभावनाओं पर गौर किया है.


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