Jordan withdraws its ambassador: गाज़ा पर इजराइल के लगातार बढ़ते हमलों के बाद जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में जारी कर कहा कि, "बेगुनाह फिलिस्तीनियों की जान लेने वाली इजराइल की एयर स्ट्राइक्स के विरोध में विदेश मंत्री अयमान सफादी ने इज़राइल में मौजूद जॉर्डन एम्बेसडर को वापस बुलाने का फैसला किया है." साथ ही ये भी कहा कि जॉर्डन गाज़ा में हो रहे इजराइली हमलों की निंदा करता है. जॉर्डन के विदेश मंत्रालय ने इजराइल के एम्बेसडर को भी अपने देश से बाहर रहने के लिए कहा है. आपको बता दे सन 1994 में जॉर्डन ने इजराइल के साथ शांति समझोते पर साइन कर इजराइल से राजनयिक रिश्ते बना लिए थे. जॉर्डन ऐसा करने वाला मिस्र के बाद दूसरा देश बन गया था.


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जबालिया रिफ्यूजी कैंप पर हमले के बाद अरब देशों में गुस्सा 
मिस्र, जॉर्डन, और साउदी अरब ने इजराइल द्वारा जबालिया रिफ्यूजी कैंप में करी गई एयर स्ट्राइक की निंदा की है.  जबालिया रिफ्यूजी कैंप नॉर्थन गाज़ा में सबसे बड़ा रिफ्यूजी कैंप है. इस हमले में लगभग 50 लोगों की मौत हो गई है. IDF ने दावा किया की इस स्ट्राइक में उसने हमास के जबालिया रिजन के कमांडर इब्राहीम बियारी को मार गिराया है. IDF का कहना है कि इब्राहीम 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए ऑपरेशन अल-अक्सा-फ्लड में शामिल था. 


इजराइल ने जॉर्डन के फैसले पर खेद जताया
इजरायल में बढ़ते संघर्ष के मद्देनजर अपने एम्बेसडर को वापस बुलाने के जॉर्डन के फैसले के जवाब में, इजराइल ने कहा कि उसे इस कदम पर खेद है, लेकिन उसका ध्यान हमास के हमले की वजह से उस पर थोपे गए युद्ध पर केंद्रित है." उन्होंने कहा, "इजराइल हमास के आतंकवादियों और इस संगठन के आतंकवादी ढांचे को निशाना बना रहा है, जो गाजा पट्टी के नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करता है.


इजराइल से रिश्तें तोड़ चुके हैं ये देश
आपको बता दे जॉर्डन से पहले, चिली और कोलंबिया ने भी अपने एम्बेसडरों को इजरायल से वापस बुला लिया था. वहीं बोलीविया ने मंगलवार रात को इजराइल के साथ सभी राजनयिक संबंधों को खत्म करने का ऐलान किया था.