न्यूयार्क: अमेरिका की पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को 1996 में के यौन शोषण मामले में जिम्मेदार ठहरा दिया गया है. जूरी ने मंगलवार को विचार-विमर्श के पहले दिन न्यूयॉर्क शहर में एक संघीय अदालत में यह फैसला सुनाया. साथ ही 50 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया है. ऐसे में ट्रंप की मुश्किलों में इजाफा हो सकता है. क्योंकि ट्रंप व्हाइट हाउस हासिल करने के लिए फिर से मुहिम चलाना चाहते हैं. 


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ज्यूरी सदस्यों ने ट्रंप पर आरोप लगाने वाली महिला कैरोल के दावों को खारिज कर दिया कि उसके साथ बलात्कार हुआ था, लेकिन ट्रम्प को उसके यौन शोषण के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. हालांकि ट्रंप का कहना है कि उन्होंने कभी भी कैरोल का यौन उत्पीड़न नहीं किया और न ही उन्हें जानते थे. पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कोर्ट के इस फैसले को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने वाला और उनकी बदनामी का कारण बताया है.


क्या है पूरा मामला?


दरअसल ट्रंप ने लेखिका ई जीन कैरल ने ट्रंप पर आरोप लगाया है कि उन्होंने साल 1996 में एक डिपार्टमेंटल स्टोर के ड्रेसिंग रूम में मेरा रेप किया था. इसी मामले में अदालत ने यह फैसला सुनाया है. इस मामले में 25 ट्रंप के खिलाफ 25 अप्रैल को सुनवाई शुरू हो गई थी और अब 9 मेंबरी जूरी ने यह फैसला सुनाया है. इस मामले में ट्रंप अब कैरल को हर्जाने के तौर पर 50 लाख डॉलर (41 करोड़ भारतीय रुपये) अदा करने होंगे. हालांकि अदालत ने ट्रंप को रेप का दोषी नहीं पाया. 


बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह फैसला उनके फिर से व्हाइट हाउस हासिल करने की राह में रोड़ा बन सकता है. क्योंकि वो अगले राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और तेजी के साथ प्रचार भी कर रहे थे. कैरल के अलावा भी कई महिलाओं ने ट्रंप ने संगीन आरोप लगाए हैं. इसी तरह के आरोप पॉर्नस्टार स्टॉर्मी डेनियल्स भी ट्रंप पर लगा चुकी हैं. लगभग दर्जन भर के करीब महिलाओं ने ट्रंप में इसी तरह के मिलते जुलते आरोप लगाए हैं. ऐसे में जाहिर है कि इन मामलों का ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर भारी असर पड़ेगा. 


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