दुबईः कुवैत ने कत्ल के जुर्म में सात कैदियों को बुधवार को मृत्युदंड दे दिया है. सरकारी समाचार एजेंसी ‘कूना’ (केयूएनए) की खबर के मुताबिक, जिन लोगों को मौत की सजा दी गई है, वे सभी हत्या और दूसरे इल्जामों में कसूरवार ठहराए गए थे. खबर के मुताबिक, जिन लोगों को मौत की सज़ा दी गई है उनमें कुवैत के तीन पुरुष और एक महिला, सीरिया और पाकिस्तान का एक-एक पुरुष और इथोपिया की एक औरत शामिल है. कुवैत ने कहा कि उन्हें मौत की सज़ा देश के सेंट्रल जेल में दी गई है. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि उन्हें किस तरह से मृत्युदंड दिया गया है. 


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2017 से नहीं दी गई थी किसी को मौत की सजा 
गौरतलब है कि कुवैत में कैदी को मौत की सज़ा देने के लिए फांसी दी जाती है, हालांकि वह मौत की सजा देने के लिए गोली भी मारते है. कुवैत के लोक अभियोजक ने कहा, “ उन्होंने पीड़ितों को इस दुनिया में उनके सबसे पवित्र और जरूरी अधिकारों से वंचित किया था, जो जिंदगी जीने का अधिकार है.” कुवैत में 2017 के बाद किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई थी. उस साल सात लोगों को मौत की सज़ा दी गई थी, जिनमें सत्तारूढ़ परिवार का भी एक सदस्य शामिल था. कुवैत में मौत की सज़ा पर अमल होना दुलर्भ माना जाता है. 

ब्रसेल्स में कुवैत के राजदूत को किया गया तलब  
कुवैत में मौत की इस सजा के बाद यूरोपीय संघ (ईयू) ने इसकी आलोचना की है. उसने कहा कि देश में यूरोपीय आयोग के अफसर मार्गाराइटिस सचियानास की यात्रा के वक्त इन्हें मौत की सजा दी गई है. ईयू ने एक बयान में मृत्युदंड दिए जाने के चलन को खत्म करने की अपील की है. सचियानास ने अलग से बयान जारी कर चेतावनी दी है कि इसका, कुवैत को ईयू की वीज़ा मुक्त सूची में डालने की चर्चा पर गहरा असर पड़ेगा. यूरोपीय संसद में कुवैतियों और पड़ोसी कतर के लोगों को ईयू से जुड़े मुल्कों में बिना वीज़ा के प्रवेश देने के प्रस्ताव पर गुरुवार को मतदान होना है. इस मामले में ईयू ने ब्रसेल्स में कुवैत के राजदूत को भी तलब कर लिया है. 


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