कैनबराः साल 2013-14 के आपास सीरिया में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट के उभार के बाद दुनियाभर में चरमपंथी लोगों के बीच इस संगठन को लेकर एक सॉफ्ट कॉर्नर था. कई पढ़े-लिखे नौजवान भी अपना घर-बार छोड़कर इस आतंकी गुट में शामिल होने और उसकी तरफ से लड़ने के लिए सीरिया चले गए थे. इनमें भारत के केरल से भी कई नौजवान शामिल थे. हालांकि, इन नौजवानों को जल्द ही इस्लामिक स्टेट से मोह भंग हो गया और इनमें से ज्यादातर लोग युद्ध में मारे गए या फिर जो जिंदा बचा वह जेल में डाल दिया गया. इसमें खास बात या है कि इस्लामिक स्टेट में भर्ती होने के लिए कई लड़कियां भी सीरिया चली गई थी. कुछ स्वेच्छा से गई तो कुछ अपने पतियों के कारण इस्लामिक स्टेट में भर्ती हो गई. इनमें से जो लोग अपने देश लौटकर आए उनपर वहां की सरकारों ने भी मुकदमा चलाकर उन्हें दंडित करने का काम कर रही है.  

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ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को कोई ने दी जमानत 
ऐसे ही एक मामले में आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) में शामिल होने और अपने पति के साथ रहने के लिए सीरिया पहुंचने वाली एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को वहां की सरकार ने गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, गिरफ्तार की गई मरियम राड नाम की इस महिला को ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने शुक्रवार को सशर्त जमानत दे दी है. हालांकि, राड को विस्फोटक, हथियार, आतंकवादी हमलों, आतंकवादी संगठनों या सशस्त्र संघर्षों से संबंधित किसी भी गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी है. 

पति आईएसआईएस का एक सक्रिय सदस्य था
पुलिस ने गुरुवार को 31 वर्षीय मरियम राड को यह कहते हुए गिरफ्तार कर लिया था कि वह स्वेच्छा से अपने पति के पास जाने के लिए सीरिया गई थी. राद को एनएसडब्ल्यू के यंग शहर में उसके घर पर पुलिस की छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था. जब वह सीरिया गई थर तो वह इस बात से पूरी तरह वाकिफ थी कि वह आईएसआईएस का एक सक्रिय सदस्य था. अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इल्जाम लगाया है कि वह 2014 की शुरुआत में अपने पति मुहम्मद ज़हाब से जुड़ने के लिए सीरिया गई थी, जो आईएस में शामिल होने के लिए एक साल पहले ऑस्ट्रेलिया छोड़ का उस देश में चला गया था. 

वापस लौटने के तीन माह बाद गिरफ्तारी 
द ऑस्ट्रेलियन की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 अन्य महिलाओं के साथ वापस लौटने के तीन महीने बाद ही उनकी गिरफ्तारी हुई है. 31 वर्षीय राड स्वदेश लौटने से पहले सीरिया में अल रोज आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों के शिविर में रह रही थी. ऐसा माना जा रहा है कि जहाब की सीरिया में 2018 में एक हवाई हमले के दौरान मौत हो गई थी. राड पर क्रिमिनल कोड के विपरीत घोषित क्षेत्रों में प्रवेश करने या रहने का इल्जाम लगाया गया है.


ब्रिटेन रद्द कर चुका है अपनी नागरिक की नागरिकता 
इससे पहले फरवरी 2021 में यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि “आईएस दुल्हन“ शमीमा बेगम अपनी ब्रिटेन की नागरिकता रद्द करने की अपील करने के लिए देश वापस नहीं आ सकती हैं. वह जब 15 साल की थी तब 2015 में सीरिया में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस में शामिल होने के लिए दो स्कूली दोस्तों के साथ ब्रिटेन से सीरिया चली गई थी. उत्तरी सीरियाई शरणार्थी शिविर में उसके पाए जाने के बाद 19 फरवरी, 2019 को ब्रिटेन के तत्कालीन गृह सचिव साजिद जाविद द्वारा उनकी ब्रिटिश नागरिकता रद्द कर दी गई थी.  
 


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