Loot in Turkey: तुर्की में 6 फरवरी को 7.8 तीव्रता का भूकंप आया है. इसके बाद यहां हर तरफ मौत का मंजर है. भूकंप की वजह से 28 हजार लोगों की जान चली गई है. अब भी यहां मलबे के नीचे से लाशों के मिलने का सिलसिला जारी है. यहां हजारों बिल्डिंगें पूरी तरह से टूट गई हैं. कई लोग बेघर हो गए हैं. ऐसे में यहां लूटपात की घटनाएं बढ़ी हैं. लोग मलबे के नीचे लोगों के जेवर और पैसों को चुरा रहे हैं. सिक्योरिटी फोर्सेज ने यहां 48 लोगों को लूटपात की घटनाओं के चलते गिरफ्तार किया है.


48 लोगों को किया गया गिरफ्तार


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तुर्की अफसरों के मुताबिक लोगों को लूटने और उन्हें ठगने की कोशिश के इल्जाम में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. न्यूज एजेंसी अनादोलु के मुताबिक तुर्की में भूकंप के बाद चोरी और लूटपात की घटनाएं बढ़ गई हैं. यहां के अलग-अलग 8 प्रांतों में 48 लोगों को पकड़ा गया है. गाजियांटोप में एक शख्स को फोन पर धोका देने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है. 


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राष्ट्पति ने कहा बख्सा नहीं जाएगा


तुर्की में भूकंप आने के बाद राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान ने दक्षिणपूर्वी इलाके में 3 महीने की एमरजेंसी का ऐलान किया है. तुर्की की राष्ट्रपति ने कहा कि भूकंप के बाद लूटपात करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि "हमने एमरजेंसी का ऐलान कर दिया है."


भारत ने की मदद


तुर्की में आए भूकंप के बाद कई देशों ने इसकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. तुर्की की मदद करने वालों में भारत भी शामिल है. भारत ने तुर्की की मदद के लिए 7वां प्लेन भेजा है. प्लेन में जीवन रक्षक दावएं, फील्ड हॉस्पिटल, सर्दी से बचने का सामान है.


पहले भी आई भूकंप


यह पहला मौका नहीं है जब तुर्की में भूकंप आया है. यहां इससे भी काफी खतरनाक भूकंप आए हैं. यहां साल 1999 में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया था जिसमें 17 हजार लोगों की मौत हो गई थी.


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