मंगोलिया में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को मिला ये खास तोहफा; जानिये, इसका क्या होगा ?
Mongolian President gifts horse to Rajnath Singh: सिंह ने सफेद घोड़े की तस्वीर के साथ बुधवार को ट्वीट किया, “मंगोलिया में मेरे खास दोस्तों की तरफ से दिया गया विशेष उपहार. मैंने इस सुंदर घोड़े का नाम ‘तेजस’ रखा है. राष्ट्रपति खुरेलसुख को धन्यवाद. मंगोलिया को धन्यवाद.”
उलानबटोरः भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पांच से सात सितंबर तक मंगोलिया की यात्रा पर हैं. किसी भारतीय रक्षा मंत्री द्वारा पूर्वी एशियाई देश की यह पहली यात्रा है. मंगोलिया की यात्रा करने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को वहां के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख ने बुधवार को एक राजसी घोड़ा तोहफे में दिया है. अभी से सात वर्ष पूर्व मंगोलिया की यात्रा पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी ऐसा ही तोहफा मिला था. सिंह ने सफेद घोड़े की तस्वीर के साथ बुधवार को ट्वीट किया, “मंगोलिया में मेरे खास दोस्तों की तरफ से दिया गया विशेष उपहार. मैंने इस सुंदर घोड़े का नाम ‘तेजस’ रखा है. राष्ट्रपति खुरेलसुख को धन्यवाद. मंगोलिया को धन्यवाद.”
भारतीय रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह आज मंगोलिया के गंडन मठ भी गए और उन्होंने देश के सर्वोच्च बौद्ध भिक्षु से मुलाकात की.’’
दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी होगी मजबूत
राजनाथ सिंह ने मंगलवार को मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागिन खुरेलसुख से मुलाकात कर द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की थी. उन्होंने ट्वीट किया, “उलानबटोर में मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख से मुलाकात हुई. मैं उनसे पिछली बार 2018 में मिला था, जब वह देश के प्रधानमंत्री थे. हम मंगोलिया के साथ बहुआयामी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.” रक्षा मंत्री सिंह मंगोलिया और जापान के साथ भारत के रणनीतिक और रक्षा संबंधों का विस्तार करने के उद्देश्य से सोमवार से इन दोनों देशों की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं.
मोदी को भी मिल चुका है तोहफे में घोड़ा
गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी भी 2015 में मंगोलिया की यात्रा पर गए थे, तब उनके समकक्ष सी. साईखानबिलेग ने उन्हें एक भूरा घोड़ा भेंट किया था. मंगोलिया की समाचार एजेंसी ‘मोंटसेम’ की खबर के मुताबिक, खुरेलसुख ने कहा कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को व्यापक रूप देने की पूरी संभावना है. अमेरिकन म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री (एएमएनएच) के मुताबिक, मंगोलिया को घोड़ों की भूमि के रूप में जाना जाता है. मंगोलिया 3 मिलियन से अधिक घोड़ों का घर है, जिससे घोड़ों की आबादी विशाल राष्ट्र में मानव आबादी के लगभग बराबर हो जाती है. 21वीं सदी में भी, मंगोलिया एक घोड़े पर आधारित संस्कृति बनी हुई है और अपनी देहाती परंपराओं को बरकरार रखती है.
मंगोलिया में ही रहेगा घोड़ा
मंगोलिया के राष्ट्रपति उखनागीन खुरेलसुख रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को मंगोल नस्ल का युवा घोड़ा बतौर उपहार दिया है. आधिकारिक सूत्र ने बताया कि परंपरा के मुताबिक सात साल के इस घोड़े को ‘तेजस’ नाम दिया गया है. सूत्र से जब पूछा गया कि क्या इस घोड़े को भारत लाया जाएगा तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, घोड़े को भारत नहीं लाया जाएगा. यह सांकेतिक उपहार है. घोड़ा मंगोलिया में ही रहेगा.
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