काबुल: तालिबान ने मंगलवार को कार्यवाहक सरकार के मंत्रिमंडल की घोषणा की, जिसमें समूह के पुराने चेहरों को जगह दी गई है. इसमें अमेरिका नीत गठबंधन और अफगान सरकार के सहयोगियों के खिलाफ 20 साल तक चली जंग में दबदबा रखने वाली तालिबान की शीर्ष हस्तियों को शामिल किया गया है. तालिबान के पिछले शासन के अंतिम वर्षों में मुल्ला हसन अखुंद ने अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर काबुल में तालिबान की सरकार का नेतृत्व किया था. अमेरिका के साथ वार्ता का नेतृत्व करने वाले मुल्ला गनी बरादर को अखुंद का उप प्रधानमंत्री बनाया जाएगा. बरादर ने अमेरिका के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये थे, जिसके तहत अमेरिका पूरी तरह अफगानिस्तान से बाहर निकल गया था. इस सरकार में गैर-तालिबानियों को जगह दिये जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है.


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मुल्ला हसन वर्तमान में ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख हैं 
मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई ‘रहबरी शूरा’ या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है.  मुल्ला हेबतुल्लाह ने खुद सरकार का नेतृत्व करने के लिए मुल्ला हसन के नाम का प्रस्ताव रखा था. साथ ही कहा गया है कि सरकार के गठन के संबंध में तालिबान के संगठन के अंदरूनी मुद्दों को सुलझा लिया गया है.

मुल्ला हसन तालिबान की पिछली सरकार में रह चुके हैं उप प्रधानमंत्री
मुल्ला हसन तालिबान के शुरुआती स्थल कंधार से ताल्लुक रखते हैं और सशस्त्र आंदोलन के संस्थापकों में से हैं. उन्होंने ‘रहबरी शूरा’ के प्रमुख के रूप में 20 साल तक काम किया और मुल्ला हेबतुल्लाह के करीब माने जाते हैं. उन्होंने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान की पिछली सरकार के दौरान विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया था.

मुल्ला उमर का बेटा याकूब बनेगा रक्षा मंत्री, हक्कानी को गृह मंत्री का पद 
 तालिबान के संस्थापक मुल्ला मोहम्मद उमर के बेटे मुल्ला याकूब नए रक्षा मंत्री होंगे. याकूब, मुल्ला हेबतुल्ला के छात्र थे, जिसने पूर्व में उन्हें तालिबान के शक्तिशाली सैन्य आयोग के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था. तालिबान सूत्रों के मुताबिक, हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख और सोवियत विरोधी क्षत्रप जलालुद्दीन हक्कानी के बेटे सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री का कार्यभार मिलने की संभावना है, जबकि मुल्ला अमीर खान मुत्ताकी नए विदेश मंत्री होंगे.

सिराजुद्दीन हक्कानी पर अमेरिका ने रखा है 50 लाख डॉलर का इनाम
सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में हैं. अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की साजिश में भी वह कथित रूप से शामिल था. तालिबान के सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा है कि मुल्ला जबीउल्लाह मुजाहिद, जिसका नाम पहले सूचना मंत्री के लिए प्रस्तावित किया गया था, अब नए राष्ट्राध्यक्ष के प्रवक्ता होंगे.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में सरकार बनाने में हो रही थी देरी 
तालिबान ने पिछले हफ्ते नई सरकार के गठन को स्थगित कर दिया क्योंकि समूह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए स्वीकार्य व्यापक और समावेशी प्रशासन को आकार देने के लिए संघर्ष कर रहा है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के पिछले हफ्ते अघोषित दौरे पर काबुल जाने के कुछ दिन बाद सरकार में दिए जाने वाले पदों को लेकर खबरें सामने आई है. अपने दौरे के दौरान आईएसआई प्रमुख ने मुल्ला बरादर और हिज्ब-ए-इस्लामी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार से मुलाकात की थी और अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा की थी. 


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