Neerav Modi News: भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने ब्रिटेन में अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ आखिरी अपील की थी जो खारिज हो गई है. लंदन में मौजूद हाई कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ उसे ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया. ऐसे में नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ हुआ है लेकिन नीरव मोदी भारत न आए इसके लिए दूसरे कानून का सहारा ले सकता है. नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में धोखाधड़ी की थी. इसके बाद वह साल 2018 में भारत से भाग गया.


कोर्ट ने क्या कहा?


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

नीरव मोदी धोखाधड़ी और धनशोधन के इल्जाम में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत में वांछित है. लंदन में ‘रॉयल कोर्ट्स ऑफ जस्टिस’ में न्यायमूर्ति जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जसस्जिस रॉबर्ट जे ने फैसला सुनाया कि ‘‘अर्जीगुजार (नीरव मोदी) की स्प्रीम कोर्ट में अपील करने की इजाजत के गुजारिश वाली अर्जी खारिज की जाती है.’’ 


यह भी पढ़ें: श्रद्धा की ही हैं जंगल से बरामद हुई हड्डियां, पिता के नमूनों से हुआ DNA का मिलान


पिछले महीने खारिज हुई अपील


पिछले महीने, 51 साल के हीरा कारोबारी की दिमागी सेहत की बुनियाद पर दायर की गई अपील खारिज कर दी गई थी. अदालत ने दिमाग का इलाज करने वाले डॉक्टर्स के बयान की बुनियाद पर कहा था कि उसे ऐसा नहीं लगता कि नीरव की दिमागी हालत ठीक नहीं है. उसके खुदकुशी करने का जोखिम इतना ज्यादा है कि उसे पंजाब नेशनल बैंक (PNP) के दो अरब डालर ऋण घोटाला मामले में आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित करना गैरकानूनी और दमनकारी कदम साबित होगा. इसके बादवजूद उसकी अर्जी खारिज कर दी गई. नीरव मोदी मार्च 2019 में प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तारी के बाद से लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है.


13 हजार करोड़ रुपये के मामले में हैं आरोपी


ख्याल रहे कि नीरव मोदी पर इल्जाम है कि उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से 13000 करोड़ रुपये लेकर धोकाधड़ी किया. भारत के अफसर इस मामले में जांच करने और उससे पूछताछ करने के लिए ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रहे हैं. 


Zee Salaam Live TV: