Pakistan: पाकिस्तान की सरकार ने देश के चीफ जस्टिस के तहत आने वाली ताकतों में कटौती करने के इरादे से मंगलवार को एक बिल पार्लियामेंट में पेश किया. इससे पहले दिन में पीएम शहबाज शरीफ ने कहा था कि अगर पार्लियामेंट ने चीफ जस्टिस की ताकतों को कम करने के लिए कानून नहीं बनाया, तो "इतिहास हमें माफ नहीं करेगा." कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने ‘द सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसेड्योर) एक्ट, 2023’ को कैबिनेट की मंजूरी के बाद मंगलवार को संसद में पेश किया.


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बता दें कि विधेयक का पार्लियामेंट में पेश होना और प्रधानमंत्री शरीफ का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के दो जजों ने देश के चीफ जस्टिस की खुद नोटिस लेने की ताकतों पर सवाल उठाया. संसद के ज्वाइंट सेशन को खिताब करते हुए, शरीफ ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मंसूर अली शाह और जस्टिस जमाल खान मंडोखैल के असहमतिपूर्ण फैसले के बारे में विस्तार से बात की.


जिन्होंने चीफ जस्टिस के किसी भी मुद्दे पर कार्रवाई के लिए खुद नोटिस लेने और अलग-अलग मामलों की सुनवाई के लिए पसंद की बेंच का गठन करने के असीमित अधिकार की आलोचना की. उनका फैसला चीश जस्टिस उमर अता बंदियाल के ज़रिए 22 फरवरी को पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा राज्यों में चुनावों के बारे में खुद नोटिस लेने के मामले के बारे में था. चीफ जस्टिस की ताकत को सीमित करने के लिए नए कानूनों की जरूरत के बारे में शरीफ ने कहा कि अगर कानून पारित नहीं किया गया, तो ‘‘इतिहास हमें माफ नहीं करेगा.’’ 


‘‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’’ अखबार ने बताया कि इस बीच, पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने मंगलवार को एक कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी है, जिसमें पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश की विवेकाधीन शक्तियों को कम करने का प्रावधान है.


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