Pakistan: SC के इस फ़ैसले के बाद इमरान ख़ान ने `जेल भरो` आंदोलन को लेकर लिया बड़ा स्टैंड
Imran Khan: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष और पूर्व पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बुधवार को पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा (KP)सूबों में इलेक्शन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद `जेल भरो` आंदोलन को रद्द करने का ऐलान किया है.
Jail Bharo Aandolan: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष और पूर्व पाक प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने बुधवार को पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा (KP)सूबों में इलेक्शन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 'जेल भरो' आंदोलन को रद्द करने का ऐलान किया है. समा टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक़, 22 फरवरी को लाहौर से शुरू हुए इस आंदोलन का समापन 1 मार्च को पार्टी कारकुनान और लीडरों द्वारा अपने-अपने शहरों में गिरफ्तारी देने के साथ होने की योजना थी. पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा असेंबली को वहां सत्तारूढ़ इमरान ख़ान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने 14 जनवरी और 18 जनवरी को भंग कर दिया था. इमरान ख़ान की पार्टी ने पाकिस्तान में जल्द आम इलेक्शन कराने की कोशिश के तहत यह क़दम उठाया थाा.
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत
असद उमर, शाह महमूद क़ुरैशी, ज़ुल्फ़ी बुख़ारी, फैयाज़ उल हसन चौहान समेत दूसरे पीटीआई के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने तहरीक के दौरान पुलिस के सामने सेरेंडर कर दिया था, जिसमें अब तक लाहौर, पेशावर, मुल्तान और गुजरांवाला समेत कई शहर शामिल थे. आंदोलन को रद्द करने का ऐलान करने के लिए इमरान ख़ान ने अपने ट्विटर अकाउंट का सहारा लिया. समा टीवी के मुताबिक़, इमरान ख़ान ने पंजाब और के-पी प्रांतों में इलेक्शन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और संविधान को बनाए रखने के लिए इसकी सराहना की.
90 दिनों के अंदर होंगे इलेक्शन
इमरान ख़ान ने कहा कि वह आंदोलन ख़त्म कर रहे हैं और अब दोनों सूबों में इलेक्शन के लिए प्रचार शुरू कर रहे हैं. जियो न्यूज़ ने बताया कि पंजाब और ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में 90 दिनों के अंदर इलेक्शन कराने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद इमरान ख़ान ने कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. संविधान को बनाए रखना सुप्रीम कोर्ट की ज़िम्मेदारी थी और उन्होंने आज अपने फ़ैसले के ज़रिए बहादुरी से ऐसा किया है".इससे पहले
उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रपति आरिफ़ अल्वी को पाकिस्तान के इलेक्सन कमीशन से सलाह मशवरा लेने और पंजाब में इलेक्शन की तारीख़ तय करने के लिए कहा, जबकि केपी के गवर्नर को प्रांत में इलेक्शन की तारीख़ का ऐलान करने का आदेश दिया गया था.
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