Imran Khan On Pakistan Army: पाकिस्तान की सियासी से हर दिन कोई न कोई ख़बर सामने आती रही है. इस साल के आख़िर में वहां आम चुनाव होने हैं. ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन पीडीएम और अपोज़िशन पीटीआई पार्टी के बीच इल्ज़ाम तराशी का दौर तेज़ हो गया है. इस बीच, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने फौज से आम चुनावों से दूर रहने के लिए कहा है. उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो देश को मौजूदा आर्थिक संकट से बाहर निकालने में मदद कर सकती है. इमरान ने सेना पर पंजाब प्रांत में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (PML-N) को हुकूमत में लाने के प्रयास करने का भी इल्ज़ाम लगाया.


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पाकिस्तान के आर्थिक संकट के लिए बाजवा ज़िम्मेदार: इमरान 
कराची में होने वाले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के महिला सम्मेलन को ख़िताब करते हुए इमरान ख़ान ने एक बार फिर पूर्व आर्मी चीफ़ क़मर जावेद बाजवा पर निशाना साधा. उन्होंने बाजवा पर हमला बोलते हुए कहा कि पीएम ओहदे से उन्हें हटाने और पाकिस्तान के सियासी हालात और आर्थिक बोहरान के लिए भी वही ज़िम्मेदार हैं. इमरान ने बाजवा पर अपने ख़िलाफ़ साज़िश रचने का इल्ज़ाम लगाया. इमरान ने अंदेशा ज़ाहिर करते हुए कहा कि उनकी पार्टी को कमज़ोर करने के लिए अगले आम चुनाव में 'राजनीतिक इंजीनियरिंग' की जाएगी. उन्होंने कहा कि सेना को ऐसी ग़लती करने से बचना चाहिए.


'आम चुनाव में PTI को नुक़सान पहुंचाने की कोशिश'
पीटीआई चीफ़ ने दावा किया कि "सैन्य प्रतिष्ठान ने अपनी पिछली गलतियों से कुछ भी नहीं सीखा है क्योंकि फ्यूचर में होने वाले चुनावों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को नुक़सान पहुंचाने के लिए सियासी इंजीनियरिंग की जा रही है". ख़ान ने इल्ज़ाम लगाते हुए कहा कि फौज कराची में मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के अलग-अलग ग्रुपों को एकजुट करने और साउथ पंजाब से बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के लीडरों को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) में भेजने की कोशिशों में शामिल था, क्योंकि वह उनकी पार्टी की सियासी ताक़त से डरता था.


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