पेशावरः पाकिस्तान में वकीलों के एक समूह ने फिल्म 'जॉयलैंड’ (Joyland Movie) पर पाबंदी लगाने और सोशल मीडिया से इसके ट्रेलर को हटाने के लिए सोमवार को पेशावर हाईकोर्ट का रुख किया है, जिसके बाद अदालत ने सरकार, नियामक एजेंसियों और फिल्म निर्माताओं से इस बारे में जवाब देने का आदेश दिया है. 
वकीलों द्वारा दायर याचिका में संघीय सरकार, कानून और न्याय मंत्रालय, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण, संघीय जांच एजेंसी, इस्लामी विचारधारा परिषद और फिल्म के निर्देशक और निर्माता से जवाब मांगा गया है.
खंडपीठ में न्यायमूर्ति एजाज अनवर और न्यायमूर्ति अरशद अली शामिल थे, जिन्होंने फिल्म निर्माताओं और अन्य मीडिया नियामक प्राधिकरणों को जल्द से जल्द अपनी प्रतिक्रिया पेश करने के लिए कहा है.
याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, फिल्म 'जॉयलैंड’ असंवैधानिक थी और उनके मजहब और पाकिस्तानी घरेलू जिंदगी की तौहीन करने के लिए बनाई गई थी. याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि फिल्म समलैंगिकता को बढ़ावा देकर लोगों, खासकर नौजवानों पर नकारात्मक असर डालेगी और परिवारों को बर्बाद कर देगी.

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अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी
डॉन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, याचिकाकर्ताओं ने कहा, "जॉयलैंड एक गैर-इस्लामी फिल्म हैं. इस मामले में अदालत के दखल की जरूरत है. याचिकाकर्ताओं ने अदालत से 'जॉयलैंड’ की  स्क्रीनिंग के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क के इस्तेमाल को सीमित करने के लिए उत्तरदाताओं को आदेश देने के लिए कहा है. इस मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी.

पाकिस्तान को इस फिल्म से ऑस्कर में मिली है एंट्री 
गौरतलब है कि हाल ही में, पाकिस्तान को ऑस्कर में 'जॉयलैंड’ फिल्म के वजह से ही एंट्री मिली है, लेकिन इस फिल्म को पाकिस्तान में ही प्रतिबंधित कर दिया गया है, क्योंकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि यह पाकिस्तान में सामाजिक मूल्यों के अनुरूप नहीं है. हालांकि, पिछले दिनों फिल्म के कुछ दृश्यों को हटाने के बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड से मंजूरी मिल गई थी.

एक शख और ट्रांसजेंडर महिला के प्रेम की कहानी है 'जॉयलैंड’  
'जॉयलैंड’ एक ऐसे शख्स की कहानी है जो लाहौर में रहता है और एक ट्रांसजेंडर महिला के प्यार में पड़ जाता है. हाल ही में ट्विटर पर पाकिस्तान में एक प्रमुख ट्रेंड हैशटैग रुठंदश्रवलसंदक रहा है. अभियान के समर्थक दावा करते हैं कि पाकिस्तान एक इस्लामी राष्ट्र है, समलैंगिकता के सभी रूप ’गैर-इस्लामिक’ हैं.पाकिस्तान में ट्रांसजेंडरों की दुर्दशा चिंता का विषय बनी हुई है. पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा प्रांत ट्रांसजेंडर लोगों के खिलाफ हिंसा के लिए काफी बदनाम रहा है. इंटरनेशनल कमीशन ऑफ ज्यूरिस्ट्स (आईसीजे) के आंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान ने 2021 में कम से कम 20 ट्रांसजेंडर लोगों की हत्याओं का गवाह रहा है. 


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