Kite Flying Ban: पतंग उठाना कभी बेहतरीन खेल हुए करता था. बच्चे शौक से पतंग और मांझा लाते थे और पतंग उड़ाते थे. लेकिन अब लोगों को इसमें दिलचस्पी कम हो रही है. इस बात को गैलप और गिलानी के सर्वे में से समझा जा सकता है. सर्वे में 88 फीसदी पाकिस्तानी लोगों ने दक्षिण एशियाई देश में पारंपरिक पतंगबाजी उत्सव और पतंगबाजी पर सरकार के प्रतिबंध का समर्थन किया है. 


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बुधवार को जारी गैलप और गिलानी पाकिस्तान सर्वे के रिजल्ट के मुताबिक, प्रतिबंध के लिए समर्थन पिछले वर्षों में अपेक्षाकृत स्थिर रहा है, क्योंकि 2006 में 85 प्रतिशत लोगों ने सरकार के फैसले के लिए समर्थन व्यक्त किया था.


एक रिपोर्ट के मुताबिक पतंगबाजी दक्षिण एशिया के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय है और बसंत में एक पारंपरिक पतंगबाजी उत्सव मनाया जाता है. यह खास तौर से पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में लोकप्रिय है, जिसमें पूरे शहर में लोग पतंग उड़ाते हैं.


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पंजाब में प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है, क्योंकि मुख्य रूप से जानलेवा मांझे के इस्तेमाल से जुड़ी असुरक्षित प्रथाओं के कारण पतंगबाजी से लोगों की मौत हो रही है.


पतंग उड़ाने के अगर दूसरे नुक्सान के बारे में बात करें तो इससे पक्षियों को चोट लग जाती है. कई पक्षी मांझों से कट जाते हैं जिसके बाद वह उड़ नहीं पाते. मांझा अगर खराब क्वालिटी का है तो इससे हाथ कट जाते हैं. गाड़ियों में मांझा फंसने से उनका बैलेंसे बिगड़ जाता है. बाइकर को इससे नुक्सान होता है. कई बार हादसे में मौत हो जाती है.


पतंगबाजी पर लोगों ने प्रतिबंध के लिए इसलिए भी हामी भरी है क्योंकि लोगों की अब इसमें दिलचस्पी कम हो रही है. पतंग उड़ाने के लिए शहरों में अब जगहें कम पड़ गई हैं. मैदान कम बचे हैं. पतंग में दिलचस्पी न होने की वजह यह भी है कि बच्चे मोबाइल फोने में गेम खेलने लगे हैं. जानकार मानते हैं कि पतंग उड़ाने के लिए पहले चीजें सस्ती मिलती थीं लेकिन अब यह चीजें काफी महंगी हो गई हैं. इसलिए लोग इसमें दिलचस्पी कम ले रहे हैं.
(इनपुट आईएएनएस से)


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