Bilawal Bhutto: मुशर्रफ़ की मौत के बाद बिलावल ने बदली अपनी Twitter प्रोफाइल तस्वीर ; इन लोगों की लगाई Photo
Bilawal Twitter Profile: परवेज़ मुशर्रफ़ के निधन के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर को बदल दिया है. जानिए क्या है इसकी वजह और क्यों लगाई तस्वीर?
Bilawal Twitter Profile: परवेज़ मुशर्रफ़ के निधन के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल बिलावल भुट्टो ज़रदारी ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पिक्चर को बदल दिया. उन्होंने अब अपने ट्विटर पर बेनज़ीर भुट्टो और नवाब बुगती की तस्वीर लगा दी है. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ की मौत की ख़बर मिलने के बाद बिलावल भुट्टो ने रविवार को अपना ट्विटर बदल दिया. उन्होने उनकी मां और पूर्व पीएम बेनज़ीर भुट्टो और दिवंगत नवाब अकबर बुगती की तस्वीर लगा दी. इन दोनों लोगों की हत्या में जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ का नाम था.
27 दिसंबर, 2007 को हुआ था बेनज़ीर भुट्टो का क़त्ल
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल ने भी अपनी मां की चार तस्वीरों को कैप्शन के साथ पोस्ट किया, "तू ज़िंदा रहेगी बेनज़ार" (आप जिंदा रहेंगी, बेनज़ीर). विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की ओर से शोक संदेश का कोई औपचारिक संदेश नहीं आया है. उनकी बहन आसिफा भुट्टो जरदारी ने वहीं तस्वीरें उसी कैप्शन के साथ पोस्ट कीं. तस्वीरों में से एक में बेनज़ीर के लिए न्याय की मांग करती एक छोटी सी कविता है. बता दें कि पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो का 27 दिसंबर, 2007 को क़त्ल कर दिया गया था. बेनज़ीर हत्या की शाम रावलपिंडी से एक चुनावी रैली को ख़िताब कर के लौट रही थीं, तभी हमलावर उनकी कार के क़रीब आया और उनको गोली मार दी.
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नवाब अकबर बुगती की हत्या में हुई मुशर्रफ़ की गिरफ़्तारी
उस समय मुशर्रफ़ से बेनज़ीर की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सिक्योरिटी की मांग की गई की, मगर राष्ट्रपति मुशर्रफ ने अधिक सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था. दूसरी ओर 2006 में मुशर्रफ के आदेश पर शुरू किए गए एक सैन्य अभियान के दौरान बलूचिस्तान के गवर्नर नवाब अकबर बुगती और उनके दो दर्जन से अधिक क़बायली मारे गए, जिससे क्षेत्र में व्यापक अशांति फैल गई थी. 26 अगस्त 2006 को बलूचिस्तान के कोहलू जिले में एक सैन्य कार्रवाई में अकबर बुगती और उनके कई साथियों की हत्या कर दी गई थी. इस अभियान का आदेश जनरल परवेज़ मुशर्रफ ने दिया था जो तब देश के सैन्य प्रमुख और राष्ट्रपति दोनों थे,हालांकि मुशर्रफ का शासन समाप्त होने के बाद अगली सरकार द्वारा 13 जून 2013 को इस हत्या के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया लेकिन सबूतों के अभाव में उन्हें ज़मानत मिल गई थी.
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