इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति, सैन्य तानाशाह और 1999 में भारत-पाक के बीच करगिल युद्ध के मुख्य सूत्रधार रहे जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के पार्थिव शरीर को एक खास विमान से दुबई से पाकिस्तान लाया जाएगा और कराची में उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. 
लाइलाज बीमारी से सालों तक जूझने के बाद इतवार को दुबई के एक अस्पताल में 79 साल की अवस्था में मुशर्रफ का निधन हो गया था. समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, विमान सोमवार को दुबई के लिए रवाना होगा और पार्थिव शरीर को पाकिस्तान में लाने के बाद कराची में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. 


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मुशर्रफ का जन्म 1943 में दिल्ली में हुआ था 
इस बीच, ‘खलीज टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुबई में पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने मुशर्रफ के पार्थिव शरीर को पाकिस्तान भेजने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिया है. खबर में महावाणिज्य दूत हसन अफजल खान के हवाले से बताया गया है कि हम परिवार के साथ संपर्क में हैं और महावाणिज्य दूतावास हर मुमकिन मदद करने को तैयार है. करगिल में मिली नाकामी के बाद परवेज मुशर्रफ ने 1999 में तख्तापलट कर तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सत्ता से बेदखल कर खुद वहां के शासक बन गए थे. उन्होंने 2001 से 2008 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में सेवाएं दी थी. मुशर्रफ का जन्म 1943 में दिल्ली में हुआ था और 1947 में उनका परिवार बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया था. वह पाकिस्तान पर शासन करने वाले अंतिम सैन्य तानाशाह थे. 

गिरधारी लाल प्रसूति अस्पताल में हुआ था मुशर्रफ का जन्म 
पुराने रिकॉर्ड के मुताबिक, मुशर्रफ का जन्म दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था, जिसे अब गिरधारी लाल प्रसूति अस्पताल के नाम से जाना जाता है, जो दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के तहत आता है. दिल्ली के मध्य में कमला मार्केट के पास स्थित, यह शहर के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है. नगर निगम के एक पूर्व अधिकारी ने  बताया, ‘‘उनका (मुशर्रफ का) परिवार पुरानी दिल्ली में रहता था. आसपास दो अस्पताल हैं दरियागंज में विक्टोरिया जनाना अस्पताल (स्वतंत्रता के बाद नाम बदलकर कस्तूरबा अस्पताल किया गया) और गिरधारी लाल प्रसूति अस्पताल.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि उनका (मुशर्रफ) जन्म दिल्ली में हुआ था और आज खबरों से पता चला कि उनका दुबई में निधन हो गया.’’ 

2005 में मुशर्रफ को भारत सरकार ने दिया था जन्म प्रमाणपत्र 
गौरतलब है कि जब मुशर्रफ ने अप्रैल 2005 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर भारत का दौरा किया था तो, उस वक्त भारत सरकार ने उन्हें एक विशेष उपहार के तौर पर उनका जन्म प्रमाण पत्र उन्हें भेंट किया था. साल 2011 में सेवानिवृत्त हुए पूर्व अधिकारी ने कहा कि 1940 के दशक में और 2005 में भी, जन्म और मृत्यु के रिकॉर्ड कागजात के रूप में रखे जाते थे. उन्होंने कहा, ‘‘60 से ज्यादा सालों के बाद 1940 के दशक के जन्म प्रमाण पत्र की तलाश करना आसान काम नहीं रहा होगा.’’ सत्रह अप्रैल, 2005 की एक रिकार्ड के मुताबिक, मुशर्रफ ने अपनी तीन दिवसीय भारत यात्रा के दौरान नई दिल्ली में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपना जन्म प्रमाणपत्र हासिल किया था. मुशर्रफ 2005 की अपनी भारत यात्रा के दौरान अजमेर शरीफ भी गए थे और प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर मत्था टेका था. 


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