फिलीपीन द्वीपों के बीच करीब 250 यात्रियों और चालक दल को ले जा रही एक नौका में आग लग गई और कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई. इसके अलावा सात अब भी लापता हैं. एक प्रांतीय गवर्नर ने गुरुवार को यह जानकारी दी. बेसिलन के गॉव जिम हैटामन ने कहा कि बचाए गए लोगों में से कई आग की भयावहता में नौका से कूद गए थे. तट रक्षक, नौसेना, एक अन्य नौका और स्थानीय मछुआरों के ज़रिए उन्हें समुद्र से निकाल लिया गया था. गुरुवार को तलाशी और बचाव का काम जारी था.


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गवर्नर ने कहा कि एमवी लेडी मैरी जॉय 3 पर सवार ज्यादातर लोगों को रात भर चली मुहिम के दौरान बचा लिया गया था, लेकिन अधिकारी विभिन्न बचाव दलों से संख्याओं की दोबारा जांच कर रहे थे, यह सुझाव देते हुए कि आंकड़े बदल सकते हैं. उन्होंने कहा कि नौका दक्षिणी बंदरगाह शहर जाम्बोआंगा से सुलु राज्य के जोलो शहर जा रही थी, तभी आधी रात के करीब बेसिलन के पास उसमें आग लग गई.


उन्होंने कहा कि मरने वालों में कम से कम तीन बच्चे शामिल हैं, जो जाहिर तौर पर अपने माता-पिता से बिछड़ गए थे और कम से कम 23 जख्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पतालों में लाया गया. आग की वजह से हुए हंगामे के चलते कुछ यात्रियों की नींद अचानक नींद खुली जिसके बाद वो उन्होंने तुरंत छलांग लगा दी. अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों में से ज्यादातर डूबने वाले शामिल हैं और उनकी लाशों को समुद्र से ही बरामद किया गया है. 


फिलीपीन द्वीपसमूह में लगातार तूफान, खराब रखरखाव वाली नावों, भीड़भाड़ और सुरक्षा नियमों के खराब प्रवर्तन के कारण समुद्री दुर्घटनाएं आम हैं, विशेष रूप से दूरदराज के राज्यों में. दिसंबर 1987 में, नौका डोना पाज़ एक ईंधन टैंकर से टकराने के बाद डूब गई, जिससे दुनिया की सबसे खराब शांतिकालीन समुद्री आपदा में 4,300 से अधिक लोग मारे गए.


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