Imran Khan Speech: इमरान खान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज देश को संबोधित करते हुए कई बड़ी मुद्दों पर बात की. साथ ही अपोज़ीशन पार्टियों पर खूब निशाने साधे. साथ ही इस्तीफा ना देने की बात कहते हुए उन्होंने उन तमाम लोगों को भी साफ तौर पर बता दिया जो उनके इस्तीफे का इंतेजार कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा और आखिरी गेंद तक खेलूंगा. जो मेरे साथ क्रिकेट खेलते थे वो ये बात जानते हैं. 


आजाद कौम की निशानी होती खुद्दारी


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अपने खिताब के आगाज में उन्होंने कहा कि इस समय पाकिस्तान के सामने दो रास्ते हैं. हम वो पहली नस्ल हैं जो आजाद मुल्क में पैदा हुए. हमारे माता-पिता उस वक्त पैदा हुए जब अंग्रेजों का कब्जा था. उन्होंने कहा कि खुद लोगों को अंग्रेजों की गुलामी बुरी लगती थी. हमें बचपन से बताया गया था कि खुद्दारी एक आजाद कौम की निशानी होती है. 


मैं किसी के आगे नहीं झुकूंगा 


इमरान खान ने कहा कि मैंने हमेशा कहा है कि मैं किसी के आगे नहीं झुकूंगा और न ही देश को झुकने दूंगा. जब वह सत्ता में आए तो उन्होंने फैसला किया कि हमारी विदेश नीति स्वतंत्र होगी यानी पाकिस्तान के फायदे में. मतलब हम किसी से भी दुश्मनी करना चाहते हैं.


जनरल मुशर्रफ के फैसले को बताया गलत


जब जनरल मुशर्रफ ने आतंकवाद के खिलाफ अमेरिकी जंग में पाकिस्तान को ले जाने का फैसला किया तो कहा गया कि अगर हम साथ नहीं देंगे तो अमेरिका हमें भी न मारें. मैंने उस समय भी कहा था कि इस जंग में हमारा कोई लेना-देना नहीं था. उन्होंने कहा, "अफगान जंग में पाकिस्तान के ज़रिए दी गई कुर्बानी किसी अन्य अमेरिकी सहयोगी ने नहीं दी. 


खुफिया खत का जिक्र 


उन्होंने कहा कि 7 या 8 मार्च को हमें अमेरिका (एक देश) से संदेश मिला, उन्हें पहले से पता था कि एक अविश्वास प्रस्ताव आ रहा है, वो इन लोगों (अपोज़ीशन के नेता) के साथ संपर्क थे. यह पाकिस्तान के खिलाफ नहीं बल्कि इमरान खान के खिलाफ है.  उनका कहना है कि अगर इमरान खान चले गए तो हम पाकिस्तान को माफ कर देंगे लेकिन अगर अविश्वास प्रस्ताव नाकाम रहा तो पाकिस्तान को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि एक आधिकारिक दस्तावेज था जिसमें पाकिस्तानी राजदूत को बताया गया था कि अगर इमरान खान प्रधान मंत्री बने रहे तो न केवल संबंध बिगड़ेंगे बल्कि पाकिस्तान को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. मैं देश से पूछता हूं कि क्या यह हमारी स्थिति है. कहा गया कि जो लोग बाद में आएंगे उनसे हमें कोई दिक्कत नहीं है, यह सब रूस जाने पर कहा गया था.


मोदी से चोरी-चोरी मिलते थे नवाज शरीफ


मौलाना फजलुर रहमान के बारे में विकीलीक्स में खुलासा हुआ था कि मौलाना फजलुर रहमान ने पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत से कहा था कि मुझे सत्ता दो और मैं भी वही करूंगा जो दूसरे करते हैं, नवाज शरीफ चुपके से मोदी से मिलते थे, शादियों में दावत देते थे.


खबर अपडेट की जा रही है.


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