नई दिल्लीः काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां खराब होते सुरक्षा हालात के मद्देनजर भारत अफगानिस्तान में अपने राजदूत और भारतीय दूतावास के अपने कर्मियों को एक सैन्य विमान से मंगल को स्वदेश लेकर आया. भारतीय वायुसेना का सी-19 विमान पूर्वाह्न करीब 11 बजकर 15 मिनट पर गुजरात के जामनगर स्थित भारतीय वायुसेना अड्डे पर उतरा. गुजरात के जामनगर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने सबसे पहले वायुसेना के साहस का शुक्रिया अदा किया. उन्होंने कहा कि हालात सामान्य न होने के बावजूद वे हमारे लिए आए. भारतीय राजदूत ने कहा कि काबुल शहर में अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं, जो तेजी से बदलते हालातों के बीच अभी भी वहां काम कर रहे हैं. जैसे ही कर्मिशयल उड़ान सेवा शुरू होगी, उन्हें भी तुरंत वापस लाया जाएगा. अभी एयर इंडिया को अस्थाई तौर पर अपनी सभी सेवाओं को रोकना पड़ा है. उन्होंने भरोसा जताया कि जैसे ही हालात सामान्य होंगे, सभी को वापस लाया जाएगा.



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फंसे भारतीय को पहुंचाई जा रही है मदद 
भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने कहा कि वह यह भरोसा दिलाना चाहते हैं कि किसी को भी पीछे नहीं छोड़ा जाएगा. विदेश मंत्रालय का हेल्प डेस्क पहले ही काम करना शुरू कर चुका है. राजदूत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हम अफगानिस्तान में लोगों को पीछे छोड़ आए हैं. उनका हमें पूरा ख्याल है. हम उनसे लगातार संपर्क बनाए रखेंगे. भारतीय नागरिकों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी कल जारी किया गया था. 

भारत काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा है
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अफगानिस्तान में हालिया घटनाक्रम पर चर्चा की. जयशंकर अमेरिका के चार दिवसीय दौरे के लिए न्यूयॉर्क में हैं. जयशंकर ने कहा कि भारत काबुल में हालात पर लगातार नजर रख रहा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘मैं भारत लौटने के इच्छुक लोगों की घबराहट समझता हूं. हवाईअड्डा संचालन मुख्य चुनौती है. इस संबंध में साझेदारों के साथ विचार-विमर्श जारी है.’’ 


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