ऋषि सुनक का भी हुआ था प्रेम विवाह; बेटियों के जन्म के बाद बदली किस्मत!
Rishi Sunak love marraige: ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की दौर में शामिल ऋषि सुनक ने अपनी पत्नी को लेकर कहा कि मैं व्यवस्थित हूं और वह सहज हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने बच्चों के जन्म के बाद उनकी देख-रेख करने में पत्नी की मदद करते थे.
लंदनः ब्रिटेन में बॉरिस जॉनसन सरकार में पूर्व मंत्री और प्रधानमंत्री पद के चुनाव में उम्मीदवारों की दौर में शामिल भारतीय मूल के ऋषि सुनक पर इस वक्त दुनिया भर की निगाहें हैं. उनकी संपत्ति को लेकर चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें आलोचनाओं का भी सामाना करना पड़ा है. खास बात यह है कि ऋषि सुनक की एक और पहचान ये है कि वह इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. उन्होंनें नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है. सुनक ने 'द संडे टाइम्स’ अखबार को दिए एक साक्षात्कार में अपने पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के बारे में खुलासा किया है.
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में हुई थी दोनों की मुलाकात
सुनक ने बताया कि जब वह अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति से अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में मिले थे तो ‘जाहिर तौर पर कुछ-कुछ हुआ’ था. यानी पहली मुलाकात में ही वह उन्हें दिल दे बैठे थे! उन्होंने बताया कि वे अन्य पति-पत्नी से बिल्कुल अलग हैं. सुनक ने बताया कि मैं बहुत स्पष्ट और व्यवस्थित हूं, जबकि वह ज्यादा सहज हैं.’’ये दंपति अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एमबीए की पढ़ाई के दौरान मिले थे. दोनों की 2006 में बेंगलुरु में शादी हुई थी.
बच्चों को पालने में करते थे पत्नी की मदद
ऋषि सुनक साउथेम्प्टन में भारतीय मूल के माता-पिता के घर पैदा हुए थे. अक्षता मूर्ति और सुनक की दो बेटियां कृष्णा (11) और अनुष्का (09) हैं. सुनक ने बताया कि दोनों के जन्म के वक्त वह अपनी पत्नी के पास मौजूद थे, और वह बच्चों की देखभाल में मदद करना पसंद करते थे. उन्होंने बीते दिनों को याद करते हुए कहा, ’’मैं बहुत खुश किस्मत थे, क्योंकि जब हमारी बेटियां पैदा हुईं तब मैंने अपना खुद का कारोबार शुरू किया था, और उस मेरा हालात पर पूरी तरह से काबू था. इसीलिए मैं उन सभी के आसपास ही मौजूद रहता था.
"आदमी को उसके चरित्र और काम से जाना जाता है न कि बैंक बैलेंस से’’
गौरतलब है कि चुनाव में सुनक के अमीर होने को मुद्दा बनाए जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इस देश में हम लोगों को उनके चरित्र और उनके कार्यों से पहचानते हैं, न कि इससे कि उनके बैंक खाते में कितना पैसा है? मैं आज खुशकिस्मत हूं, लेकिन मैं अचानक अमीर नहीं बन गया हूं. मुझे जो मिला है, उसके लिए मैंने बहुत मेहनत की है. मेरे परिवार ने कड़ी मेहनत की है.’’ उन्होंने ’द संडे टाइम्स’ को बताया कि देश को एक चुनौतीपूर्ण दौर से निकालने में मदद करने के लिए मेरे पास वह क्षमता और कौशल है. मैं ऐसा कर सकता हूं, और लोग ऐसा करने के लिए मुझ पर भरोसा कर सकते हैं.’’
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