ब्रिटिश प्रधानमंत्री की दौड़ में शामिल ऋषि सुनक ने खुद को बताया ‘छुपा रुस्तम’; जानें वजह
Rishi Sunak British PM contender : भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक ने शनिवार को प्रधानमंत्री बारिस जॉनसन के समर्थकों पर निशाना साधते हुए उन लोगों की आलोचना की जो उनकी नजदीकी प्रतिद्वंद्वदी लिज ट्रस की हिमायत कर रहे हैं.
लंदनः ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का वारिस बनने की दौड़ में शामिल भारतीय मूल के नेता ऋषि सुनक ने शनिवार को उन ताकतों पर निशाना साधा, जो कंजर्वेटिव पार्टी का नेतृत्व हासिल करने के मुकाबले में उनकी नजदीकी हरीफ लिज ट्रस की हिमायत कर रहे हैं. इसके साथ ही सुनक ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व की लड़ाई में खुद को ‘छुपा रुस्तम’ करार दिया है. पूर्व प्रधानमंत्री और ब्रिटेन की आयरन लेडी के नाम से मशहूर मार्गरेट थैचर के पूर्वी इंग्लैंड में वाके गृह नगर ग्रैंथम में भाषण देते हुए पूर्व चांसलर सुनक ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी में एक गुट है, जो चुनाव को विदेश मंत्री की ‘ताजपोशी’ के तौर पर देखना चाहेगा.
सुनक ने जॉनसन के हिमायतियों पर साधा निशाना
सुनक ने यह टिप्पणी परोक्ष रूप से जॉनसन के हिमायती मंत्रियों जैसे संस्कृति मंत्री नादिन डोरिस और ब्रेक्जिट अवसरों के मंत्री जैकब रीस मॉग के लिए की है, जो ट्रस की हिमायत में मुहिम चला रहे हैं और सुनक की मुहिम को तरजीह नहीं देने की अपील कर रहे हैं. अपने हिमायतियों से घिरे सुनक ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि मैं छुपा रुस्तम (अंडरडॉग) हूं. इस दौरान उनके समर्थक ‘रेडी-ऋषि’ (ऋषि के लिए तैयार हैं) लिखे बैनर हवा में लहरा रहे थे. सुनक ने अपने भाषण के दौरान कहा कि ऐसी कुछ ताकतें हैं, जो दूसरे प्रत्याशी की ताजपोशी चाहती है, लेकिन मेरा मानना है कि सदस्य विकल्प चाहते हैं और वे सुनने के लिए तैयार हैं.’’
महंगाई से निपटना होगी पहली प्राथमिकता
हालांकि, ऋषि सुनक ने तफसील से नहीं बताया कि वे ताकतें कौन सी हैं, जो उन्हें हराना चाहती हैं. लेकिन उन्होंने दोहराया है कि वह ताकतें पसंदीदा नहीं हैं. सुनक के दादा-दादी वर्ष 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन आए थे और वह खुद साउथंप्टन में पैदा हुए थे. सुनक ने अपने वोटर्स को ‘करुणा’ का संदेश दिया, लेकिन साथ ही अवैध आव्रजन पर सख्त कार्रवाई की भी बात की है. सुनक ने दोहराया कि तत्काल महंगाई को नीचे लाने की जरूरत है और यह उनकी पहली प्राथमिकता होगी. उन्होंने कहा कि बढ़ती महंगाई मुल्क की दुश्मन है जो सभी को गरीब बनाती है.
ब्रिटेन के अगले प्रधानमंत्री को विरासत में मिलेगी अव्यवस्था
उधर, गवर्निंग कंजरवेटिव पार्टी के कुछ सदस्यों का मानना है कि यूनाइटेड किंगडम के अगले प्रधानमंत्री को एक ऐसी अव्यवस्था विरासत में मिलेगी, जिसका प्रबंधन करना आसान नहीं होगा. लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी में राजनीति के प्रोफेसर और कंजरवेटिव पार्टी के जानकार टिम बेल कहते हैं, ’’अप्रत्याशित रूप से, जीवन की लागत के संकट को देखते हुए, बहस का मुख्य मुद्दा यह रहा है कि अर्थव्यवस्था को कैसे संभाला जाए.’’ पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक का तर्क है कि यह काल्पनिक अर्थशास्त्र है, यह देखते हुए कि यूके अभी भी कोविड -19 महामारी के आर्थिक झटके से उबर रहा है.
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