नई दिल्ली: अफगानिस्तान में हालात में पूरी तरह तबदीली आ गई है. तालिबान ने जैसे ही राजधानी काबुल में एंट्री ली तो सत्ता में बैठे लोगों के हाथ पांव फूल गए और देश का तालिबान के हवाले कर दिया. साथ ही राष्ट्रपति अशरफ गनी भी अफगानिस्तान छोड़कर भाग गए. अब इस मामले में रूस का बड़ा बयान सामने आया है. रूस ने अफगानिस्तान में जारी तालिबान के जारी रवैये की तीरीफ की है. 


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अफगानिस्तान में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव (Dmitry Zhirnov) ने तालिबान के व्यवहार और आचरण की तारीफ की. उन्होंने कहा कि तालिबान ने पहले 24 घंटों में काबुल को पिछले अधिकारियों की तुलना में ज्यादा सुरक्षित बना दिया है.


जो बाइडेन ने भी दी सफाई
अमेरीकी फौज को वापस बुलाने वाले राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी अफगानिस्तान के हालात पर देश को खिताब करते हुए इस जिम्मेदारी से अपना पल्ला झाड़ लिया है. उन्होंने कहा कि अशरफ गनी अफगानिस्तान से बिना लड़े कैसे भाग गए. बाइडेन ने कहा कि वह अतीत में अमेरिका के ज़रिए की गयी गलतियों को नहीं दोहराएंगे. किसी संघर्ष में शामिल रहने और अनिश्चितकाल तक लड़ने की गलती अमेरिका के राष्ट्रीय हित में नहीं है. "हम इन गलतियों को दोहरा नहीं सकते क्योंकि हमारे दुनिया में अहम हित हैं जिन्हें हम नजरअंदाज नहीं कर सकते." उन्होंने कहा, "मैं यह भी मानता हूं कि हम में से ज्यादातर लोगों के लिए यह कितना दुखद है। अफगानिस्तान से जो दृश्य सामने आ रहे हैं वे अत्यंत परेशान करने वाले हैं."


अफगानी नागरिकों को अकेला नहीं छोड़ेंगे: मैक्रों
इसी कड़ी में फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों भी शामिल हो गए हैं. मैक्रों ने सोमवार को वादा किया कि फ्रांस उन अफगान नागरिकों को तालिबान के बीच अकेला नहीं छोड़ेगा, जिन्होंने उसके लिये काम किया है. इन लोगों में अनुवादक, रसोई कर्मचारी, कलाकार, कार्यकर्ता और अन्य शामिल हैं. मैक्रों ने कहा कि उन लोगों की रक्षा करना जरूरी है, जिन्होंने वर्षों तक फ्रांस की मदद की है. उन्होंने कहा कि दो सैन्य विमान अगले कुछ घंटों में विशेष बलों के साथ काबुल पहुंचेंगे


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