मुंबईः नाबालिग का यौन शोषण करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे संत आसाराम को अभी भी अपनी इज्जत जाने का खतरा महसूस हो रहा है. इसलिए आसाराम और उसके संत श्री आसारामजी आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट ने 'सिर्फ एक बंदा काफी है' फिल्म के निर्माताओं को नोटिस भेज कर इस फिल्म के रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है. आसाराम ने कहा है कि इस फिल्म का ट्रेलर 'अत्यधिक आपत्तिजनक और मानहानिकारक' है. इस फिल्म के रिलीज होने से आसाराम के छवि को धक्का पहुंचेगा और उसके लाखों अनुयायियों की भावनाएं आहत होंगे. उसने ये भी कहा है कि फिल्म की रिलीज से देश में कानून-व्यवस्था का संकट पैदा हो सकता है. नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए फिल्म के निर्माता आसिफ शेख ने मंगलवार को कहा है कि उनकी लीगल टीम नोटिस का जवाब देने की तैयारी कर रही है.  

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वकील की भूमिका में मनोज वाजपेयी 
गौरतलब है कि अभिनेता मनोज बाजपेयी इस फिल्म में लीड रोल में हैं. यह फिल्म एक वकील पी सी सोलंकी की बायोपिक है. ये वही वकील हैं, जिन्होंने आसाराम के आश्रम में बलातकार की शिकार पीड़ित लड़की को केस लड़ा था और बाद में आसाराम को इस मामले में उम्रकैद की सजा दी गई. इस फिल्म का ट्रेलर 8 मई को रिलीज हुआ था. 
 



2018 से उम्रकैद की सजा काट रहा है आसाराम  
आसाराम मध्य प्रदेश में अपने 'गुरुकुल’ की एक नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 2018 से सेंट्रल जेल जोधपुर में उम्रकैद की सजा काट रहा है. आसाराम और पुष्कर स्थित ट्रस्ट की तरफ से कानूनी नोटिस अधिवक्ता सत्य प्रकाश शर्मा और विपुल सिंघवी द्वारा भेजा गया था. इसने हिंदी फिल्म की “रिलीज/प्रमोशन के खिलाफ निषेधाज्ञा, निर्देश और निर्देश“ की मांग की है. सिंघवी के मुताबिक, फिल्म निर्माताओं को जवाब देने के लिए तीन दिन का वक्त दिया गया है.


जी5 पर स्ट्रीमिंग होगी फिल्म 
23 मई से जी5 पर स्ट्रीमिंग के लिए तैयार “सिर्फ एक बंदा काफी है“ फिल्म को सच्ची घटनाओं से प्रेरित एक पावर-पैक कोर्टरूम ड्रामा बताया जा रहा है. अपूर्व सिंह कार्की द्वारा निर्देशित और दीपक किंगरानी द्वारा लिखित, यह फिल्म विनोद भानुशाली की भानुशाली स्टूडियोज लिमिटेड, ज़ी स्टूडियोज और सुपर्ण एस वर्मा द्वारा निर्मित भी है.


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