Saudi Arab Citizenship: भारतीयों पर कैसे असर डालता है सऊदी नागरिकता कानून में बदलाव? पढ़ें
Saudi Arab Citizenship: सऊदी अरब सरकार ने सिटिजनशिप कानून में बदलाव किया है. जिसका असर भारतीयों पर भी पड़ने वाला है. सरकार ने आर्टिकल 18 में बदलाव किए हैं. पढ़ें पूरी खबर
Saudi Arab Citizenship: सऊदी अरब ने अपनी सिटिजनशिप के काननू में हाल ही में बदलाव किए हैं. जिसमें अब सऊदी की नागरिकता लेने में ढील दी गई है. सरकार के इस कदम को काफी अहम बताया जा रहा है. कानून में बदलाव के बाद सऊदी मूल की औरतें जिन्होंने प्रवासियों से शादी की है, उनके बच्चे अब नागरिकता के लिए अप्लाई कर सकते हैं. लेकिन सऊदी सरकार ने इसके लिए कुछ मानक भी तय किए हैं.
सऊदी में नागरिकता कानून में बदलाव
सऊदी में जो नया नागरिकता कानून लागू किया गया है उसके लिए उम्र 18 साल होनी जरूरी है. इस कानून असर भारतीयों पर भी पड़ने वाला है. क्योंकि सऊदी अरब में कई ऐसे भारतीय हैं जिन्होंने सऊदी की औरतों से शादी की है. ऐसे में अब उनके बच्चों को नागरिकता मिलने में आसानी होगी.
आर्टिकल 18 में किया बदलाव
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश के प्रधामंत्री सलमान ने नेशनलिटी सिस्टम के आर्टिकल 8 में संशोधन किया है. जिसके बाद अब उन लोगों को नागरिकता मिलने में आसानी हो जाएगी जो सऊदी में पैदा हुए हों, या फिर उनकी वालिदा यानी मां सऊदी मूल की हों और वालिद (पिता) प्रवासी. आपको जानकारी के लिए बता दें सऊदी अरब में तकरीबन 25 लाख भारतीय प्रवासी रहते हैं ज्यादातर लोग नौकरी के कारण गए हैं.
कानून में बदलाव के बाद क्या हैं नागरिकता के मानक
- मां का सऊदी मूल का होना जरूरी है.
- अप्लाई करने वाली की उम्र 18 साल होनी चाहिए.
- उसे अरबी भाषा की जानकारी होनी चाहिए.
- कैरेक्टर पर किसी तरह कोई कोई दाग ना हो.
- किसी तरह के कोई पुलिस केस ना हो, या कानूनी कार्रवाई नहीं चल रही हो.
- अप्लाई करने वाला 6 महीने से अधिक जेल में ना रहा हो.
इस कानून से पहले किन दिक्कतो का सामना करते थे लोग
आपको बता दें इस कानून से पहले जो लोग वहां जाकर शादी करते थे उनके बच्चों को नागरिकता मिलने में काफी मुश्किलें आती थीं. अब ये कानून लागू होने से ऐसे लोगों को काफी आसानी हो जाएगी.