बेरुत: लेबनान के दारुल हुकूमत बेरुत में गुरुवार को एक प्रोटेस्ट के दौरान हुई फ़ायरिंग की नतीजे में 6 लोगों की मौत हो गई, जब कि 30 से ज्यादा अफराद ज़खमी हो गए. बेरुत में प्रदर्शनकारी पिछले साल बेरुत के बंदरगाह पर हुए भयानक विस्फोट की जांच कर रहे जज की मुखालित में जमा हुए थे. ये प्रदर्शनकारी जज तारेक बिटर को को बदलने की मांग कर रहे थे कि इसी दरमियान फायरिंग शुरू हो गई और 6 लोग मारे गए.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

याद रहे कि पिछले साल बेरुत के बंदरगाह पर हुए भयानक विस्फोट में करीब 219 लोग मारे गए थे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये प्रदर्शनकारी हिज़्बुल्लाह और अमाल नामक संगठनों के हिमायती थे जो बेरुत विस्फोट की जांच कर रहे जज को बदलने की मांग कर रहे थे.



ये भी पढ़ें: सिंघू बार्डर पर युवक का बेरहमी से कत्ल, हाथ काटकर बेरिकेट से लटकाई गई लाश


इस हादसे पर लेबनान के वज़ीरे आज़म नजीब मिकाती ने शुक्रवार को एक दिन के शोक का ऐलान किया है. वहीं, इस घटना पर रद्देअमल का इज़हार करते हुए राष्ट्रपति मिशेल आउन ने कहा, 'हम किसी को भी अपने फ़ायदे के लिए देश को बंधक बनाने की इजाजत नहीं देंगे.”


गौरतलब है कि हिज़्बुल्लाह और उसके सहयोगियों ने बेरुत धमाके की जांच कर रहे जज पर जांच में जानिबदारी का इलजाम लगाया है, जबकि  पीड़ितों के परिवार ने जज की हिमायत की है. 


ये भी पढ़ें: पाकिस्तान: World Cup खेलने वाले खिलाड़ी पर फिक्सिंग का आरोप, PCB ने किया सस्पेंड


प्रदर्शनकारियों ने इलज़ाम लगाया है कि जज तारेक बिटर पिछले साल बेरुत के बंदरगाह पर हुए धमाके की पूछताछ के लिए, हिज़्बुल्लाह के सहयोगी पूर्व कैबिनेट वज़ीरों को जान-बूझकर इस मामले में घसीट रहे हैं और बेरुत धमाका केस झूटे लापरवाई के इलजाम लगा रहे हैं.


Zee Salaam Live TV: