लखनऊ की एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश रचने के एक मामले में दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी संगठन ISIS के आठ संदिग्धों को दोषी ठहराया. दोषी 7 मार्च, 2017 को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में विस्फोट में भी शामिल थे. सजा 27 फरवरी को सुनाई जाएगी. दोषियों में मोहम्मद फैसल, गौस मोहम्मद खान, अजहर, आतिफ मुजफ्फर, दानिश, मीर हुसैन, आसिफ इकबाल रॉकी और मोहम्मद आतिफ ईरानी शामिल हैं. इन्हें 2017 में कानपुर साजिश मामले में गिरफ्तार किया गया था, जो आतंकी गतिविधियों की योजना बनाने से संबंधित था.


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IED लगाने की कोशिश


NIA की जांच में पता चला था कि आरोपियों ने कुछ आईईडी तैयार और परीक्षण किए थे और उन्हें राज्य के विभिन्न स्थानों पर लगाने की असफल कोशिश की थी. एनआईए ने 31 अगस्त, 2017 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.


दोषियों के यहां बरामद हुए सामान


एनआईए ने दोषियों के लखनऊ ठिकाने पर हाजी कॉलोनी से एक नोटबुक जब्त की थी. हस्तलिखित नोट संभावित लक्ष्यों और बम बनाने का विवरण था. एनआईए ने कहा कि जांच में आईईडी बनाने वाली सामग्रियों, हथियारों, गोला-बारूद और आईएसआईएस के झंडे के साथ दोषियों की तस्वीरें भी सामने आई हैं. 


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समूह ने कथित तौर पर विभिन्न स्थानों से अवैध हथियार, विस्फोटक एकत्र किए थे. आतिफ मुजफ्फर ने यह भी खुलासा किया था कि उसने इंटरनेट स्रोतों से सामग्री एकत्र करने के बाद आईईडी बनाने की तकनीकों पर जानकारी संकलित की थी. 


भोपाल-उज्जैन पैसेंजर लगाया IED


जांच से पता चला कि आतिफ और दानिश, सैयद मीर हसन और सैफुल्ला ने भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में लगाए गए आईईडी बनाने के लिए जिम्मेदार थे. 7 मार्च, 2017 को ट्रेन विस्फोट में 10 लोग घायल हो गए थे. एनआईए ने कहा कि आरोपी आईएसआईएस के सदस्य हैं और उन्होंने इस्लामिक स्टेट और उसके नेता अबू बकर अल-बगदादी के प्रति निष्ठा की शपथ ली है.


कई जगहों की की यात्रा


आतिफ मुजफ्फर समूह का नेता है और जाकिर नाइक के प्रचार से प्रभावित था. दोषी भारत में आईएसआईएस विचारधारा का प्रचार करने और इसकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आए थे. उन्होंने देश भर में कई प्रमुख शहरों का दौरा किया था. वे कोलकाता, सुंदरबन, श्रीनगर, अमृतसर, वाघा बॉर्डर, बाड़मेर, जैसलमेर, मुंबई और कोझिकोड गए थे. गॉस मोहम्मद खान और आतिफ मुजफ्फर ने सुंदरवन के माध्यम से बांग्लादेश जाने के लिए एक मार्ग की खोज की थी. एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, आतिफ और सैफुल्ला ने कुछ आतंकवादी समूहों से संपर्क करने के लिए मार्च 2016 में कश्मीर की यात्रा की थी.


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