Sweden News: स्वीडिश पुलिस ने बुधवार को स्टॉकहोम मस्जिद के बाहर एक छोटे से प्रदर्शन के लिए अनुमति दे दी है. इस प्रदर्शन के आयोजकों ने कहा कि वे "कुरान को फाड़ देंगे और जला देंगे". स्वीडन नाटों देशों में शामिल होना चाहता था. लेकिन इस घटना के बाद उसकी दावेदारी और भी मुश्किल हो सकती है.


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स्वीडन में इस्लाम के खिलाफ और कुर्द अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शनों की एक श्रृंखला ने तुर्की के साथ तनाव बढ़ा दिया है. जिसके समर्थन से स्वीडन को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन में शामिल होने की आवश्यकता है.


जबकि स्वीडिश पुलिस ने कुरान विरोधी प्रदर्शनों के लिए कई हालिया आवेदनों को खारिज कर दिया है. देश की अदालतों ने उन फैसलों को खारिज कर दिया है जिसमें यह तर्क देते हुए कहा कि उन्होंने अभिव्यक्ति की संरक्षित स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है.


जानकारी के लिए बता दें कि बुधवार के प्रदर्शन के लिए अपने परमिट में पुलिस ने लिखा कि "विदेश नीति के परिणाम हो सकते हैं". कुरान जलाने से जुड़े सुरक्षा जोखिम और परिणाम ऐसी प्रकृति के नहीं थे कि आवेदन को खारिज कर दिया जाना चाहिए.


स्टॉकहोम पुलिस के मुताबिक प्रदर्शन में केवल दो लोगों के भाग लेने की उम्मीद थी. जिसमें आयोजक सलवान मोमिका भी शामिल थे. जिन्होंने हाल ही में एक अखबार के साक्षात्कार में खुद को एक इराकी शरणार्थी बताया था. सलवान मोमिका ने कुरान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा था.


डेनिश दूर-दराज़ राजनीतिक दल हार्ड लाइन के नेता रासमस पालुदान द्वारा स्टॉकहोम में तुर्की दूतावास के पास कुरान की एक प्रति जलाए जाने के बाद तुर्की ने जनवरी के अंत में अपने नाटो आवेदन पर स्वीडन के साथ बातचीत बंद कर दी थी.


इससे पुर्व में भी जलाया गया था कुरान
जानकारी के लिए बता दें कि स्वीडन में इससे पहले भी कुरान जलाया गया है. बता दें कि 28 अगस्त को रैली के मंशा से रासमुस पालुदान ने अपने समर्थको के साथ निकाला था. लेकिन उसे रास्ते में पुलिस ने रोक लिया था. इससे नाराज होकर समर्थकों ने कुरान की एक पन्ना में आग लगाकर जमीन में फेक दिया. और वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. इससे स्वीडन के मुस्लमान नाराज हो गए थे.


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