Sweden News: रॉयटर्स में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक स्वीडिश पुलिस द्वारा विरोध प्रदर्शन की अनुमति दिए जाने के बाद एक व्यक्ति ने ईद की छुट्टियों के दौरान सॉट्कहोम की केंद्रीय मस्जिद के बाहर कुरान को फाड़कर जला दिया है.  स्वीडन नाटो में शामिल होना चाहता है लेकिन इस घटना के बाद तुर्की बेहद नाराज है. अब स्वीटन को नाटो में शामिल होना बहुत मुश्किल हो सकता है. 


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इस्लाम के खिलाफ और कुर्द अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शनों की एख श्रृंखला ने अंकारा को नाराज कर दिया है. स्वीडन को उत्तरी अटलांटिक संगठन में शामिल होने के लिए अंकारा की सहायता की आवश्यकता है. 


जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद स्वीडन ने नाटो की सदस्यता मांगी थी. हालांकि इसके गठबंधन के सदस्य तुर्की ने इस प्रक्रिया को रोक दिया है. यूरोपीय देश पर उन लोगों को शरण देने का आरोप लगाया है जिन्हें वह आतंकवादी मानता है. 


बता दें कि तुर्की के विदेश मंत्री ने एक ट्वीट कर इस घटना की निंदा की और कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस्लाम विरोधी विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती है. 


अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रवक्ता ने दैनिक ब्रीफिंग में संवाददाताओं से कहा कि हमारा मानना है कि स्वीडन ने त्रिपक्षीय ज्ञापन के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है. लेकिन धार्मिक ग्रंथों को जलाना अपमानजनक और दुखद है. 


मोरक्को ने वापस बुलाया अपना राजदूत
मोरक्को के एक राज्य समाचार एजेंसी ने कहा कि बुधवार को स्टॉकहोम की केंद्रीय मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति द्वारा कुरान फाड़ने और जलाने के बाद मोरक्को ने स्वीडन में अपने राजदूत को अनिश्चित काल के लिए वापस बुला लिया है. मोरक्को के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को रबात में  स्वीडन के प्रभारी डी'एफ़ेयर को भी बुलाया और राज्य की इस हमले की कड़ी निंदा की और इस अस्वीकार्य कृत्य का अपना गुस्सा जाहिर किया है. 


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