काबुलः अफगानिस्तान में तालिबान (Afghanistan Taliban) के नेतृत्व वाली सरकार ने कंधार प्रांत में पुरुष शिक्षकों और हाई-स्कूल के छात्रों को एक लिखित प्रतिज्ञा-पत्र पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया है. इसमें लिखा है कि वे इस्लामी शरिया कानून (Sharia law) का पालन करेंगे. आरएफई/आरएल की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें पुरुषों के लिए तालिबान के सख्त ड्रेस कोड का पालन करना शामिल है, जिसमें दाढ़ी बढ़ाना, पगड़ी या इस्लामी टोपी पहनना और ’पिरहान टुम्बन’, पारंपरिक बैगी शर्ट और पैंट पहनना शामिल है, जो ग्रामीण अफगानिस्तान में पहने जाने वाले कपड़े का आम चलन है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक, हस्ताक्षर करने या प्रतिज्ञा का पालन नहीं करने पर छात्रों को स्कूल से निष्कासित किया जा सकता है और शिक्षकों को अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ सकती है.

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आदेश की हो रही है आलोचना 
नौवीं क्लास और उससे ऊपर के पुरुष शिक्षकों और छात्रों द्वारा प्रतिज्ञा पर दस्तखत करने के आदेश की व्यापक रूप से आलोचना की गई है. कंधार में एक हाई स्कूल के छात्र, जो तालिबान के डर से नाम नहीं लेना चाहता था, उसने कहा, “यह एक तर्कहीन कदम है और इसे प्रोत्साहन नहीं देना चाहिए.“ “मैं चाहता हूं कि तालिबान हमारी आजादी पर रोक लगाना बंद कर दे.“ प्रांत में हाई स्कूल के एक दूसरे छात्र ने कहा, “तालिबान को इस तरह के चरमपंथी विचारों को थोपना बंद कर देना चाहिए.“

सरकारी कर्मचारियों को दाढ़ी बढ़ाने के आदेश 
आरएफई/आरएल ने बताया कि यह प्रतिज्ञा-पत्र तालिबान द्वारा सार्वजनिक रूप से अफगान पुरुषों और महिलाओं की मौजूदगी पर पुलिस का नवीनतम प्रयास है. अगस्त 2021 में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से, तालिबान ने पुरुष सरकारी कर्मचारियों को दाढ़ी बढ़ाने और पारंपरिक पोशाक पहनने का हुक्म दिया है. अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में तालिबान ने पश्चिमी शैली के कपड़े और बाल कटाने पर रोक लगा दी है. उन्होंने स्कूलों, विश्वविद्यालयों, अस्पतालों, सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक परिवहन में भी सख्त लैंगिक भेदभाव वाले नियम-कानून लागू कर दिए हैं. आरएफई/आरएल की रिपोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, रेस्तरां में बाहर खाने वाले जोड़ों से अक्सर तालिबान की कुख्यात नैतिकत पुलिस द्वारा पूछताछ की जाती है, और उन्हें परेशान किया जाता है.


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