काबुल: अफगानिस्‍तान पर तालिबना के कब्जे के करीब दो हफ्ते गुज़र चुके हैं. इस दौरान इस संगठन के बड़े नेता और कमांडोज काबुल की गलियों में घूमते हुए नज़र आए हैं, लेकिन अब तक तालिबान का सुप्रीम लीडर हिबतुल्‍लाह अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) मीडिया के सामने नहीं आया है. अब तालिबान ने तसदीक की है कि हिबतुल्‍लाह अखुंदजादा अफगानिस्‍तान में ही है और जल्‍द ही पहली बार लोगों के बीच नज़र आएगा. 


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तालिबान के तरजुमान जैबिहुल्‍लाह मुजाहिद (Taliban spokesman Zabihullah Mujahid) ने कहा, 'वह इस वक्त कांधार में है. वह शुरुआत से ही वहीं रह रहा है.' तालिबान के उप प्रवक्‍त बिलाल करीमी ने कहा, 'वह (हिबतुल्‍लाह अखुंदजादा) जल्‍द ही अवामी तौर पर दिखाई देगा.'


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काबिले ज़िक्र है कि काबुल पर कब्‍जे के बाद से अखुंदजादा का अब तक कोई बयान भी सामने नहीं आया है, लेकिन बताया जा रहा है कि तालिबान की सारी सरगर्मियां अखुंदजादा के ही हुक्म से चल रहे हैं.  बिना उसकी इजाजत या सलाह के तालिबान कोई कदम आगे नहीं बढ़ाता है.


हिबतुल्‍लाह अखुंदजादा (Hibatullah Akhundzada) ने 2016 में तालिबना की कमान संभीली थी. वह असल तौर से एक कंदहार के ही एक धार्मिक नेता है. माना जाता है कि हिबतुल्‍लाह ने ही तालिबान की दिशा बदली और उसे मौजूदा हालत में पहुंचाया. वहीं, तालिबान के सियासी दफ़्तर के सदर मुल्ला अब्दुल ग़नी बरादर भी काबुल से कंदहार लौट चुके हैं. 15 अगस्त को तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद से जिलावतनी की ज़िंदगी गुज़ार रहे मुल्ला बरादर समेत कई तालिबान नेता अफ़ग़ानिस्तान लौट चुके हैं.


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