नई दिल्लीः अफगानिस्तान पर तालिबान के पूरी तरह काबिज होने के बाद आज शाम सरकार का गठन हो सकता है. तालिबान के सह-संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर सरकार के मुखिया होंगे. मुल्ला बरादर तालिबान के कतर स्थित राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख रह चुके हैं. हालांकि उनके उपर भी एक सवोच्च नेता होगा जिसके पास धार्मिक और राजिनीतिक दोनों शक्तियां होंगी. सवोच्च नेता के तौर पर तालिबान के मुखिया अखुंदजादा की ताजपोशी होगी. रॉयटर्स की रिपोर्ट की मानें तो तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और शेर मोहम्मद अब्बाद स्तेनकजई तालिबान सरकार में वरिष्ठ पद संभाल सकते हैं.  

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कौन है मुल्ला बरादर?
मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान के उन खास लोगों में से हैं, जिन्होंने 1994 में तालिबान का गठन किया था. बरादर को मुल्ला उमर के सबसे भरोसेमंद कमांडरों में से एक बताया जाता है. मुल्ला गनी बरादर को अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए और पाकिस्तान ने साल 2010 में एक ऑपरेशन में गिरफ्तार किया था. इसके बाद बरादर 8 साल तक पाकिस्तान की जेल में रहे. 2018 में अमेरिकी दबाव के बाद पाकिस्तान ने उसे रिहा कर दिया. फिर बरादर को कतर स्थानांतरित कर दिया गया जहां बरादर दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख नियुक्त किए गए. बरादर के कूटनीति प्रयासों की वजह से ही अमेरिकी सेना को अपने 20 साल के अभियान को वापस लेने का समझौता करना पड़ा.


हिबातुल्लाह अखुंदजादा होंगे सवोच्च नेता 
इससे पहले तालिबान ने ऐलान किया था कि सैन्य कमांडर और धार्मिक नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा उनके सर्वोच्च नेता होंगे. यानी मुल्ला हिबातुल्ला अखुंदजादा वह नेता होगा, जिसके नेतृत्व में कोई प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति अफगानिस्तान को चलाएगा. उसके पास धार्मिक और राजनीतिक दोनों शक्तियां होंगी. तालिबान पहले ही विभिन्न प्रांतों और जिलों के लिए गवर्नर, पुलिस प्रमुख और पुलिस कमांडर की तैनाती कर चुका है. 


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