इस्तांबुलः इस्तांबुल में पिछले हफ्ते हुए बम विस्फोट के बाद जवाबी कार्रवाई के तहत इतवार को तुर्की ने सीरिया और इराक के उत्तरी क्षेत्रों पर हवाई हमले कर उन कुर्द समूहों को निशाना बनाया है, जो इस्तांबुल में हुए बम विस्फोट के लिए जिम्मेदार ठहराए गए हैं. तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने इतवार को बताया कि लड़ाकू विमानों ने प्रतिबंधित कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके और सीरियन पीपुल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स या वाईपीजी के ठिकानों को निशाना बनाकर हमले किए हैं. 
बयान के साथ ही तुर्की रक्षा विभाग ने एफ-16 विमान के उड़ान भरने की तस्वीरें और एक ड्रोन से हमले किए जाने की वीडियो फुटेज को भी जारी किए हैं. हालांकि निशाना बनाए जाने वाले समूह ने तुर्की के इस दावों पर अभी तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यूएनओ के चार्टर का हवाला देकर तुर्की ने किया हमला 
मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-51 के तहत तुर्की के आत्मरक्षा के अधिकार का हवाला देते हुए शनिवार देर रात ‘क्लॉ-स्वॉर्ड’ नामक एक मुहिम शुरू की है. इसमें कहा गया है कि इसके तहत उन क्षेत्रों को निशाना बनाया गया है, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी हमारे मुल्क पर हमले करने के लिए करते हैं. तुर्की ने कहा कि उसका कोशिश हमलों को रोकना, अपनी दक्षिणी सीमा को महफूज करना और आतंकवाद के स्रोत को खत्म करना है.

पिछले हफ्ते तुर्की में हुआ था बम विस्फोट 
गौरतलब है कि ये हवाई हमले ऐसे वक्त किए गए हैं, जब पिछले 13 नवंबर को इस्तांबुल के बीचों-बीच हुए एक बम विस्फोट में छह नागरिकों की मौत हो गई थी और 80 से ज्यादा लोग इस हमले में घायल हुए थे. तुर्की के अफसरों ने पीकेके और उसके सीरियाई सहयोगी वाईपीजी पर हमले का इल्जाम लगाया है. हालांकि, कुर्द समूहों ने इसमें संलिप्तता से इनकार किया था. अंकारा और वाशिंगटन दोनों पीकेके को एक आतंकवादी समूह मानते हैं, लेकिन वाईपीजी की स्थिति पर दोनों के बीच असहमति है.


Zee Salaam