लीसेस्टरः ब्रिटेन के लीसेस्टर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच हिंसक झड़पें बाहरी लोगों के शहर में आने और मौजूदा तनाव को भड़काने का नतीजा था. डेली मेल के मुताबिक, दोनों समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी है. दो दिन पहले पुलिस ने शहर के पूर्वी हिस्से में दो बड़े समूहों के बीच हुए संघर्ष के बाद 47 लोगों को गिरफ्तार किया है. भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में एक क्रिकेट मैच के बाद तनाव बढ़ गया था. वहीं, लीसेस्टर के लोगों का कहना है कि दोनों समुदायों के बीच संबंध महीनों से तनावपूर्ण चल रहे हैं. ऑनलाइन फैलाई जा रही गलत सूचनाओं और बर्मिंघम जैसे आस-पास के क्षेत्रों से शहर की यात्रा करने वाले बाहरी लोगों द्वारा हिंसा भड़काई गई है.


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सबसे हालिया घटना से निपटने के लिए पुलिस अफसरों को लंदन में महारानी के अंतिम संस्कार की तैयारियों से हटा दिया गया था, जो शनिवार की रात को भड़क उठी और इतवार तक जारी रही. अब तक लीसेस्टर के एक शख्स को इस घटना में उसकी भूमिका के लिए जेल भेजा जा चुका है, लेकिन पुलिस ने तस्दीक की है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई लोग शहर के बाहर से आए थे. 


बाहरी लोगों ने फैलाई थी हिंसा 
प्रवासी समूह ‘इनसाइट यूके’ ने दावा किया है कि लीसेस्टर में हिंसा की ज्यादातर घटनाएं अफवाहों और सोशल मीडिया पर प्रसारित फर्जी खबरों की वजह से हुई हैं. लीसेस्टर के मेयर पीटर सोल्सबी ने कहा कि सोशल मीडिया पर चीज़ों को तोड़-मरोड़ कर शेयर किया जा रहा है. उन्होंने इल्जाम लगाया कि बाहर से आए लोग शहर में हिंसा भड़का रहे हैं. सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में दिख रहा है कि एक मंदिर का झंडा उतारा जा रहा है और वहां कांच की बोतलें फेंकी जा रही हैं.

हिंसक घटनाओं में शामिल युवक जा चुका है जेल 
20 साल के अमोस नोरोन्हा को हिंसा के सिलसिले में एक आक्रामक हथियार रखने का कसूरवार मानते हुए 10 महीने जेल की सजा सुनाई गई थी. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, संघर्ष के बाद पूरे सप्ताहांत में गिरफ्तार किए गए 47 लोगों में नोरोन्हा भी शामिल था, जिस हिंसा में 16 अफसर घायल हो गए थे. 50 से ज्यादा सालों से शहर में रह रहे और स्थानीय मस्जिदों के साथ काम करने वाले धर्मेश लखानी का कहना है कि उन्हें लगता है कि यह बाहरी प्रभाव था जिसने शहर में हिंसा को भड़काया है.

हिंदू-मुस्लिम नेताओं ने सद्भावना की संयुक्त अपील की  
लीसेस्टर में उपद्रव के बाद हिंदू और मुसलमान समुदाय के नेताओं ने मंगलवार को एकसाथ सद्भावना अपील की है. शहर के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष प्रद्युमन दास ने नगर की एक मस्जिद के बाहर मुस्लिम समुदाय के नेताओं के साथ एक बयान पढ़ा जिसमें सप्ताहांत पर हुई हिंसा पर ‘दुख’ जताया गया है. समुदाय के नेताओं ने मांग की कि नफरत भड़काने वाले लीसेस्टर को छोड़ दें और उकसाने की कार्रवाई और हिंसा को फौरन बंद किया जाए. बयान में कहा गया है, “हमारे बीच दुश्मनी बोने वाले किसी भी शख्स के लिए हमारा संदेश साफ है. हम आपको कामयाब नहीं होने देंगे.


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