Israel-Hamas war: गाजा में हो रही जंग अब पूरे मीडिल ईस्ट में फैल सकती है. इज़राइल-हमास जंग के बीच अमेरिकी सेना ने मध्य पूर्व में एक गाईडिड मिसाइल पनडुब्बी की एंट्री का एलान किया है. ऐसा मालूम होता है, अमेरिका का ये कदम रीजन के सबसे बढ़े विरोधी ईरान और उसके अलायंस की धमकियों को देखते हुए उठाया गया है. इस पनडुब्बी को एडवांस बैलिस्टिक या टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों से लैस किया जा सकता है.


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ब्लिंकन की यात्रा के बाद उठाया कदम 
यूएस सेंट्रल कमांड ने रविवार 5 नवंबर को सोशल मीडिया पर पनडुब्बी एंट्री की जानकारी दी. जबकि इस वक्त विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन मीडिल ईस्ट का दौरा कर रहे हैं. इजराइल-हमास युद्ध शुरू होने के बाद से ब्लिंकन इजराइल, वेस्ट बैंक, तुर्की, इराक, जॉर्डन और साइप्रस का दौरा कर चुके हैं. 



ओहियो-क्लास (Ohio-class) परमाणु-संचालित पनडुब्बियों का एक सेट है जो 24 ट्राइडेंट II D5 परमाणु मिसाइलों को ले जा सकता है. इस टाइप की पनडुब्बियां को गोपनीय तरीके से समुद्र की सतह के नीचे चुपचाप काम करने की क्षमता के लिए जाना जाता हैं. इन पनडुब्बियों का पता लगाना विरोधियों के लिए बेहद मुश्किल होता है.


अमेरिका ने मिसाइल पनडुब्बी एंट्री का एलान क्यों किया ?
अमेरिका की पंडपब्बी बहुत गोपनीय तरीके से काम करती है. लेकिन इस एलान का सीधा मकसद रीजन में मौजूद ईरान और उसके समर्थित प्रोक्सीज (हिजबुल्लाह, इस्लामिक जिहाद, हूथीज) को संदेश देना है. हिजबुल्लाह के सबसे बड़ी लीडर हसन नसरुल्लाह ने शुक्रवार को अपनी स्पीच में इजराइल को धमकी देते हुए कहा थी, "अब तक हम इजराइल से फुल-फ्लेश वॉर में नहीं कूदे हैं लेकिन इजराइल ने अगर हमले नहीं रोके तो जवाब उसकी भाषा में ही दिया जाएगा." अमेरिका इससे पहले भी सीरिया के दो हवाई अड्डो को एयर स्ट्राइक कर तबाह कर चुका है, और ईरान समर्थित गुटों को निशाना बना चुका है. अमेरिका की इन स्ट्राइक्स को जंग से पहले उठाय जाने वाले प्रिकॉशन के तौर पर देखा जा रहा है. क्योकि इन सब लोकेशन्स का इस्तेमाल ईरान इजराइल पर हमले करने के लिए कर सकता है.