अफ़ग़ानिस्तान में छोड़े गए अमेरिकी हथियार PAK के लिए बने मुसीबत; जानिए, कौन कर रहा है इनका इस्तेमाल ?
American Weapons: अगस्त 2021 में अफगानिस्तान के तालिबान के कब्जे में आने के बाद से कुछ अमेरिकी सैन्य साजो-सामान और हथियार पड़ोसी पाकिस्तान में पहुंच गए हैं, जहां विशेषज्ञों और सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार सशस्त्र समूहों द्वारा उनका उपयोग किया जा रहा है.
American Weapons Used By TTP And Baloch: अमेरिका ने 2021 में जब अफगानिस्तान से अपनी फौज हटाईं, तो उसने लगभग 7 अरब डॉलर कीमत के सैन्य उपकरण और हथियार छोड़े थे. विशेषज्ञों और सिक्योरिटी एजेंसियों के अनुसार, अगस्त 2021 में अफगानिस्तान के तालिबान के कब्जे में आने के बाद से, कुछ अमेरिकी फौजी गियर और हथियार पाकिस्तान में आ गए हैं, जहां सशस्त्र समूहों द्वारा उनका इस्तेमाल किया जा रहा है.आरएफई और आरएल की रिपोर्ट के मुताबिक़ चश्मदीदों का कहना है कि अमेरिकी हथियारों की आमद ने तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) दहशतगर्दाना ग्रुप और जातीय बलूच अलगाववादी समूहों की फौजी सलाहियतों को बढ़ा दिया है, जो पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ बगावत कर रहे हैं.
यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के एक सीनियर एक्सपर्ट असफंदयार मीर ने कहा, "इन हथियारों से ऐसे समूहों को काफी ताकत मिला है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी हथियारों के लिए मजबूत और कई तरह से बढ़ता काला बाजार पाकिस्तान में खूब पनप रहा है. आरएफई और आरएल ने बताया कि एक्सपर्ड का कहना है कि सशस्त्र समूहों ने आधुनिक अमेरिकी हथियार और एम16 मशीन गन और एम4 असॉल्ट राइफलें, नाइट-विजन गॉगल्स और सैन्य संचार जैसे उपकरण प्राप्त किए हैं. आरएफई आरएल ने बताया कि खैबर पख्तूनख्वा में एक पुलिस अधिकारी, जिसने टीटीपी हमलों का खामियाजा भुगता है, उन्होंने कहा कि वे उग्रवादियों के सामने अपने आप को कमतर महसूस कर रहे हैं.
रिपोर्ट मे बताया गया है कि अमेरिकी वापसी और पश्चिम समर्थित अफगान सरकार के पतन के बाद तालिबान ने हथियारों को अपने कब्जे में ले लिया. खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व पुलिस प्रमुख मोअज्जम जाह अंसारी ने नवंबर में कहा था कि दहशतगर्दों ने 'अमेरिकियों द्वारा छोड़े गए आधुनिक हथियारों को उठाया और पुलिस के खिलाफ जंग को छेड़ दिया.अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा हुकूमत पर कब्जा करने के बाद से पाकिस्तान में टीटीपी के हमले में तेज़ी देखी जा रही हैं. इस्लामाबाद के एक थिंक टैंक, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ पीस स्टडीज (पीआईपीएस) के अनुसार, 2021 की तुलना में पिछले साल देश में दहशतगर्दाना हमलों की तादाद में 27 फीसद तक का इजाफा देखा गया. टीटीपी ने पिछले दो सालों में अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा चौकियों पर स्नाइपर हमलों के कई वीडियो जारी किए हैं.
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