America Attack on Iraq: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी सेना ने क्रिसमस की रात इराक में उन ठिकानों पर हवाई हमला किया, जिनका इस्तेमाल इराकी अर्धसैनिक समूह कताइब हिजबुल्लाह और उसके साथी करते हैं. कताइब हिजबुल्लाह को हिजबुल्लाह ब्रिगेड के नाम से भी जाना जाता है. रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि ये हमले राष्ट्रपति जो बाइडेन के कहने पर हुए. इलाके में गठबंधन बलों के खिलाफ समूहों की तरफ से किए गए हमलों के जवाब में किए गए थे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमेरिका पर हुआ था हमला
उन्‍होंने एक बयान में कहा, “25 दिसंबर को इराक ने एरबिल एयर बेस पर हमला किया था. जिसके नतीजे में तीन अमेरिकी कर्मी घायल हो गए थे. एयर बेस पर हमले के चलते एक सेवा सदस्य की हालत गंभीर हो गई." उन्‍होंने कहा,"और मैं साफ बता दूं कि- राष्ट्रपति और मैं संयुक्त राज्य अमेरिका, हमारे सैनिकों और हमारे हितों की रक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई करने में संकोच नहीं करेंगे."


अपने लोगों की करेंगे सुरक्षा
ऑस्टिन ने कहा, "कोई उच्च प्राथमिकता नहीं है. जबकि हम ऐसा नहीं चाहते, इलाके में संघर्ष को बढ़ाने के लिए हम अपने लोगों और हमारी सुविधाओं की सुरक्षा के लिए और जरूरी उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध और पूरी तरह से तैयार हैं."


जिम्मेदारी तय करनी है
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूएस सेंट्रल कमांड कमांडर जनरल माइकल एरिक कुरिला ने एक बयान में कहा, "इन हमलों का मकसद इराक और सीरिया में गठबंधन बलों पर हमलों के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार तत्वों को जवाबदेह ठहराना है. इसके अलावा हमले जारी रखने की उनकी क्षमता को कम करना है." "हम हमेशा अपनी सेनाओं की रक्षा करेंगे."


जो बाइडन ने दिया आदेश
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि राष्ट्रपति को "आज सुबह हमले के बारे में तुरंत जानकारी दी गई, और उन्होंने रक्षा विभाग को जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्रतिक्रिया विकल्प तैयार करने का आदेश दिया." मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि बाद में ऑस्टिन के साथ एक कॉल पर बाइडेन ने कातिब हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले का आदेश दिया.