क्यों विवादों में रहता है `इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड `कॉर्प्स`? `चालबाजी` में ISI का भी है बाप
What is IRGC: इस्लाम का `इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स` (IRGC) अक्सर विवादों में घिरा रहता है. ऐसे में जानिए आखिर वो क्या करता है.
Islamic Revolutionary Guard Corps: ईरान में अंदरूनी मामलों को संभालने वाली फोर्स 'इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स' (IRGC) को एक आंतकवादी संगठन करार देने की मांग तेज होती जा रही है. ईरान की यह फोर्स ना सिर्फ धार्मिक बल्कि राजनीतिक और आर्थिक तौर पर देश में बड़ा सहयोग देती है. पिछले लगभग 4 महीनों से ईरान में हिजाब के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों पर सख़्ती करने में आईजीआरसी का अहम किरदार है. इन प्रदर्शनों में अब तक 500 से ज्यादा लोगों के मरने की बात कही जा रही है.
IRGC को अमेरिका ने साल 2019 में आतंकी संगठन करार दे चुकी है. अमेरिका का कहना है कि यह 'हिजबुल्लाह' जैसे खतरनाक संगठनों की हिमायत करता है. अमेरिका के अलावा यूरोपीय संसद में भी इसको आतंकी संगठन घोषित करने का प्रस्ताव पास कर दिया है. हालांकि यह प्रस्ताव तभी अमल में आएगा जब जब यूनियन के अन्य सदस्य देश इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दें. खैर इन सब से अलग हम आपको बताएंगे कि आखिर IRGC है क्या, करता क्या है और आतंकी संगठन घोषित होने पर क्या नुकसान होंगे.
क्या है ईरान का इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स?
दरअसल ईरान के पास अपनी थन सेना, जल सेना, वायु सेना और पुलिस है. हालांकि इन सब के बीच इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स चर्चा का विषय बनी रहता है. क्योंकि यह फोर्स ईरान के अंदरूनी मामलों पर पूरी पकड़ रखती है. इसकी स्थापना 1979 में की गई थी. इस फोर्स बनाने का मकसद देश में इस्लामी तंत्र को लागू करना था. शुरुआत में यह एक छोटी सा ग्रुप था लेकिन अब ईरान में इसकी जड़ बहुत गहराई तक पहुंच चुकी है. एक जानकारी के मुताबिक तकरीबन 2 लाख लोग इस वक्त IRGC के साथ जुड़े हुए हैं. इस फोर्स के अपने कारोबारी संस्थान भी हैं. इन संस्थानों का ईरान की कुल जीडीपी में एक तिहाई हिस्सा बताया जाता है.
"मैं मां-बाप को नशीली गोलियां खिलाकर चली जाती थी, एक बार भी नहीं पकड़ी गई"
पाबंदी लगने से क्या होगा?
ईरान की 'इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स' (IRGC) को अगर आतंकी संगठन घोषित कर दिया जाता है तो कोई बहुत बड़ा नुकसान नहीं होगा. अन्य देशों के ज़रिए इस संस्था के आतंकवादी घोषित करने पर विदेशों में ज्यादा नुकसान होगा. ईरान में बहुत कम असर पड़ेगा.
➤ विदेशों में मौजूद संपत्तियां हो जाएंगी फ्रीज
➤ संगठन से जुड़ना हो जाएगा गैर कानूनी
➤ संगठन को मिलने वाली आर्थिक मदद भी बंद हो जाएगी
➤विदेशों में होने वाले किसी भी तरह के प्रोग्राम्स पर पाबंदी लग जाएगी
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