जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़कर दुनिया का नंबर 1 देश बना भारत, UN रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

India became Most Populated Country of World: जनसंख्या विस्फोट दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है और इससे जूझने वाले देशों में एशियाई देशों का नाम ज्यादा आता है. अभी तक दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश का रिकॉर्ड चीन के नाम था लेकिन यूएन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब भारत 142 करोड़ 86 लाख जनसंख्या के साथ दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश हो चुका है.

Written by - Pooja Makkar | Last Updated : Apr 19, 2023, 01:57 PM IST
  • तीसरे नंबर पर जानें कौन सा देश
  • भारत और चीन का अंतर समझिए – क्या कहते हैं यूएन के आंकड़े
जनसंख्या के मामले में चीन को पछाड़कर दुनिया का नंबर 1 देश बना भारत, UN रिपोर्ट में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

India became Most Populated Country of World: जनसंख्या विस्फोट दुनिया की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है और इससे जूझने वाले देशों में एशियाई देशों का नाम ज्यादा आता है. अभी तक दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश का रिकॉर्ड चीन के नाम था लेकिन यूएन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार अब भारत 142 करोड़ 86 लाख जनसंख्या के साथ दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश हो चुका है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) के 'स्टेट ऑफ वर्ल्ड पॉपुलेशन रिपोर्ट, 2023' के डेटा का अनुमान है कि भारत में एक साल में डेढ फीसदी से ज्यादा जनसंख्या बढ़ी है. 

तीसरे नंबर पर जानें कौन सा देश

वहीं अब चीन की कुल आबादी 142 करोड़ 57 लाख है और वो इस मामले में दूसरे नंबर पर है काबिज है. जनसंख्या विस्फोट वाले इन दो देशों के बाद जो देश तीसरे नंबर पर आता है वो है USA जिसकी जनसंख्या अब 34 करोड़ है.

भारत – जनसंख्या - 142 करोड़ 86 लाख

क्षेत्रफल - 32 लाख 87 हजार 590 स्क्वॉयर किलोमीटर

कुल जमीन  - 29 लाख 73 हजार 190 स्क्वॉयर किलोमीटर

चीन – जनसंख्या - 142 करोड़ 57 लाख

क्षेत्रफल - – 97 लाख 6 हजार 961 स्क्वॉयर किलोमीटर 

कुल जमीन 93 लाख 88 हजार ,211 स्क्वॉयर किलोमीटर

USA - जनसंख्या - 34 करोड़ 

क्षेत्रफल - 93 लाख 72 हजार 610 स्क्वॉयर किलोमीटर 

कुल जमीन - 91 लाख 47 हजार 420 स्क्वॉयर किलोमीटर 

भारत और चीन का अंतर समझिए – क्या कहते हैं यूएन के आंकड़े 

भारत के पास पूरी दुनिया की जमीन का 2% हिस्सा है. चीन के पास 6.3% हिस्सा है जबकि दुनिया की कुल आबादी के 18% लोग भारत में रहते हैं और लगभग 18% लोग चीन में रहते हैं. भारत में महिलाओं की औसत उम्र 74 वर्ष और पुरुषों की 71 वर्ष है. चीन में पुरुष औसतन 76 वर्ष और महिलाएं 82 वर्ष तक जीती हैं.

महिलाओं का फर्टिलिटी रेट यानी बच्चे पैदा करने की क्षमता प्रति महिला पर 2 है. चीन का औसत 1.2 है. विश्व का औसत 2.1 है. भारत में 15 से 64 वर्ष के 68 प्रतिशत लोग हैं. यानी मोटे तौर पर भारत युवाओं का देश है. भारत में 15 से 24 साल के 25 करोड़ 40 लाख युवा हैं. दुनिया में सबसे ज्यादा युवा शक्ति भारत के पास है. चीन में 65 वर्ष से ज्यादा के 14 प्रतिशत लोग हैं लेकिन भारत में 65 वर्ष से ज्यादा लोगों का प्रतिशत 7 है. चीन धीरे धीरे बूढ़ों का देश बन रहा है.

भारत में नहीं लगी जनसंख्या की रफ्तार पर लगाम

भारत ने 1952 में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर फैमिली प्लानिंग प्रोग्राम की शुरुआत की. जबकि चीन में 1959 में पहली बार फैमिली प्लानिंग की शुरुआत की गई. भारत में जनसंख्या की रफ्तार पर लगाम तो लगी लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. चीन में 2022 में पहली बार आबादी बढ़ने के बजाय कम हो गई. हालांकि यून के मुताबिक बढ़ती जनसंख्या का मतलब विकास से लगाना चाहिए, सबसे ज्यादा युवाओं वाले देश की असीमित संभावनाओं से लगाना चाहिए और इसे demographic dividend यानी जनसंख्या लाभांश में बदलना चाहिए. 

भारत ने जनसंख्या के साथ विकास की गति में भी पकड़ी है रफ्तार

यूएन रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की कहानी काफी पावरफुल है. इसने शिक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, आर्थिक विकास के साथ-साथ तकनीक में प्रगति की है लेकिन भारत को अपनी युवा शक्ति का फायदा उठाने के लिए नौकरियों और काम के अवसर बढ़ाने होंगे – महिलाओं को बराबर के मौके देने होंगे.

75 साल में दोगुनी हो जाएगी भारत की आबादी

रिपोर्ट में ये जिक्र भी है कि भारत की संसद में 2021 में दो बच्चों की पॉलिसी लाने की बात की गई थी और उसी हिसाब से लोगों को इंसेटिव दिए जाने पर बहुत चर्चा हुई. लेकिन भारत में कई लोगों के विचार ऐसे थे कि इससे लड़कियों पर लड़को के जन्म को ज्यादा महत्व दिया जाएगा. लड़की पैदा करने वाली महिलाओं पर अत्याचार बढ़ेंगे – साथ ही ये पॉलिसी ज्यादा जन्म दर वाले धर्मों के खिलाफ होगी. 

यूएन के अनुमान के हिसाब से 75 वर्षों में भारत की आबादी दो गुनी हो जाएगी – जबकि विश्व की कुल आबादी दोगुनी होने का अनुमान 76 वर्षों का है. 

ज्यादा जनसंख्या पर क्या सोचते हैं भारतीय

भारत में आज भी 23 प्रतिशत किशोरों की शादी हो जाती है यानी 18 वर्ष से पहले 23 प्रतिशत लोगों की शादी हो जाती है.यूएन ने 8 देशों के 7797 लोगों से जनसंख्या पर राय मांगी थी. भारत भी इन देशों में शामिल था. भारत से 1007 लोग सर्वे में शामिल थे.63% भारतीयों को लगता है कि भारत पर बहुत आर्थिक दबाव है.45% भारतियों को पर्यावरण पर बोझ की चिंता तो 30% को मानव अधिकारों और प्रजनन के अधिकारों और सुविधाओं पर असर की चितां ने परेशान किया है.

दुनिया में औसतन 106 लड़कों पर 100 लड़कियां पैदा होती हैं लेकिन 12 देशों में ये अंतर औसत से ज्यादा है. इन देशों में भारत भी शामिल है.15 नवंबर 2022 को दुनिया की कुल आबादी 800 करोड़ हो गई थी.

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