मोदी सरकार के खिलाफ AAP बनी विपक्षी एकता की पैरोकार, कांग्रेस-आरजेडी से भी परहेज नहीं
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मोदी सरकार के खिलाफ AAP बनी विपक्षी एकता की पैरोकार, कांग्रेस-आरजेडी से भी परहेज नहीं

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने शनिवार को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि अब भी समय है कि वो बीजेपी छोड़ विपक्षी एकता में शामिल हो जाएं. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: ईमानदारी की राजनीति की वकालत करने वाली आम आदमी पार्टी अब विपक्षी महागठबंधन की वकील गई है. पार्टी को अब न तो कांग्रेस से परहेज है और न ही लालू प्रसाद यादव की आरजेडी से. आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने शनिवार को पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि अब भी समय है कि वो बीजेपी छोड़ विपक्षी एकता में शामिल हो जाएं, क्योंकि 2019 में केंद्र से मोदी सरकार का जाना तय है. 

  1. जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस पार्टी ने मिलकर महागठबंधन बनाया था.
  2. इस महागठबंधन को बिहार विधानसभा चुनावों में कामयाबी भी मिली.
  3. बाद में नीतीश कुमार अलग होकर बीजेपी के साथ चले गए. 

बिहार में बीते विधानसभा चुनावों के दौरान नीतीश कुमार की जेडीयू, लालू प्रसाद की आरजेडी और कांग्रेस पार्टी ने मिलकर महागठबंधन बनाया था. इस गठबंधन को चुनावों में कामयाबी भी मिली, लेकिन बाद में नीतीश कुमार अलग होकर बीजेपी के साथ आ गए. ऐसे में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता का कांग्रेस और आरजेडी के पक्ष में दिया गया बयान चौकाने वाला है. 

आम आदमी पार्टी ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस के विरोध में की थी और चूंकि लालू प्रसाद इस समय भ्रष्टाचार के मामले में जेल में हैं, इसलिए उनकी पार्टी से नजदीकी दिखाना आम आदमी पार्टी की राजनीति में एक बहुत बड़ा बदलाव है. 

इससे एक सवाल ये भी उठाता है कि चूंकि संजय सिंह महागठबंधन की पैरोकारी कर रहे हैं, नीतीश कुमार को उसमें शामिल होने की नसीहत दे रहे हैं, तो क्या खुद आम आदमी पार्टी महागठबंधन में शामिल हो चुकी है. 
संजय सिंह ने कहा, 'देश में भाजपा नफरत की राजनीति कर रही है. संख्या बल पर शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार भले जीत गई, लेकिन 2019 में जन बल पर समूचा विपक्ष मिल कर मोदी सरकार को परास्त करेगा.' जाहिर तौर पर उन्होंने विपक्ष के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के संकेत दिए हैं.

बीते कई मौकों पर विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी को अपना समर्थन दिया है, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने उससे एक दूरी बनाए रखी है. ऐसे में यदि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच नजदीकी बढ़ती है तो ये इसका असर दिल्ली की राजनीति पर खासतौर से होगा. दिल्ली में इस समय सभी सात सांसद बीजेपी के हैं. बिहार में आम आदमी पार्टी की भूमिका के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि राज्य में पार्टी का विस्तार किया जाएगा.