मानसून की दस्तक से पहले, कोसी ने विकराल रूप किया धारण, लोगों में खौफ
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मानसून की दस्तक से पहले, कोसी ने विकराल रूप किया धारण, लोगों में खौफ

सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत का यह बेला गोठ गांव वार्ड 09 यहां कोसी नदी के कटाव से इसके आसपास बसने वाले लोगों को अपने आशियाने से दूर जाना पड़ रहा है.  करीब 25 -30 वर्षों से बने मकान को गांव के लोग तोड़ कर हटाने में लग गए हैं.

(फाइल फोटो)

सुपौल : बिहार से होकर गुजरने वाली कोसी नदी में बाढ़ की अवधि 15 जून से शुरू होती है.  अभी बिहार में मानसून ने दस्तक भी नहीं दी है. मगर सुपौल जिले के कोसी तटबंध के भीतर कोसी नदी के जलस्तर में आ रहे उतार-चढ़ाव से कटाव जरूर तेज हो गया है. जिससे जिले के किशनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत के बेला गोठ गांव के वार्ड नंबर 9 में 60 घर कोशी नदी में विलीन हो गए हैं. इधर कटाव तेज होने से इलाके के लोग विस्थापित हो रहे हैं. वहीं जिला प्रशासन के अधिकारी जांच और कानूनी कार्रवाई कर जल्दी मुआवजा देने का भरोसा देने में जुटे हैं. 

सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड के दुबियाही पंचायत का यह बेला गोठ गांव वार्ड 09 यहां कोसी नदी के कटाव से इसके आसपास बसने वाले लोगों को अपने आशियाने से दूर जाना पड़ रहा है.  करीब 25 -30 वर्षों से बने मकान को गांव के लोग तोड़ कर हटाने में लग गए हैं. जबकि नदी के कटाव से पीड़ित लोगों का कहना है कि कोसी की तेज धार बीते 1 जून 2022 से लगातार बढ़ रही है. जिला प्रशासन के अधिकारी से लेकर जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर जायजा लिया लेकिन खानापूर्ति के अलावा कुछ भी नहीं हुआ.

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कटाव से बचाव को लेकर कोई भी कोशिश इनकी तरफ से नहीं की गयी. इधर कोसी नदी में 13 दिनों मे 50 से 60 घर विलीन हो चुके हैं. कटाव पीड़ितों का आरोप है कि जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से कटाव तेज हुआ है और इस वजह से अब तक 60 घर कोसी नदी में विलीन हो चुके हैं. पीड़ितों का कहना है कि अब उन्हें नए ठिकाने पर नया घर फिर से जोड़ना पड़ेगा.

इधर इस बाबत जब ज़ी बिहार झारखंड के रिपोर्टर ने सुपौल जिला प्रशासन के अधिकारी सदर एसडीएम मनीष कुमार से सवाल जवाब किया तो उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में भी जानकारी है और उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को जायजा लेने के लिए भेजा था. साथ ही जल संसाधन विभाग को भी कटाव की रोकथाम को लेकर अभियान चलाने के लिए कहा गया है. फिलहाल जांच की जा रही है. जांच के बाद जो उचित कानूनी कार्रवाई होती है और मुआवजा होता है वह पीड़ित परिवारों को दिया जाएगा. 

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