अरविंद केजरीवाल जितने भाग्यशाली नहीं निकले हेमंत सोरेन, 13 मई तक का करना होगा इंतजार
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2242405

अरविंद केजरीवाल जितने भाग्यशाली नहीं निकले हेमंत सोरेन, 13 मई तक का करना होगा इंतजार

भले ही हेमंत सोरेन को अरविंद केजरीवाल की तरह अंतरिम जमानत न मिली हो, लेकिन उन्हें उम्मीद रहेगी कि 13 मई को सुप्रीम कोर्ट उन्हें भी अरविंद केजरीवाल की तरह अंतरिम जमानत प्रदान कर देगा, जिससे वह अपनी पार्टी के लिए प्रचार कर पाएं. 

हेमंत सोरेन, झारखंड के पूर्व सीएम (File Photo)

एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है तो दूसरी तरफ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को उतना ही बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है और 2 जून को उन्हें सरेंडर करना होगा. अरविंद केजरीवाल के वकील का कहना है कि वह आज यानी शुक्रवार को ही दिल्ली के सीएम की रिहाई की कोशिश करेंगे. दूसरी ओर, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी चुनाव में प्रचार के लिए रिहाई चाह रहे थे. कुछ दिन पहले हेमंत सोरेन को उनके चाचा की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए कुछ घंटे के लिए पैरोल पर रिहा किया गया था. 

READ ALSO: शांभवी की जीत के लिए मैं बजरंग बली से छल नहीं कर सकता, किशोर कुणाल की भक्ति तो देखिए

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन ने वकील कपिल सिब्बल के माध्यम से जमानत की मांग करने वाली याचिका दाखिल की थी. याचिका में हेमंत सोरेन की ओर से कहा गया था कि लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के पक्ष में प्रचार करने के लिए रिहाई होनी चाहिए. बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने हेमंत सोरेन की याचिका पर सोमवार, 13 मई को सुनवाई करने की बात कही है. इस तरह, हेमंत सोरेन जेल से बाहर आएंगे या नहीं, इसके लिए 13 मई तक का इंतजार करना पड़ेगा. 

सप्रीम कोर्ट से पहले हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया था. उस याचिका में सोरेन का कहना था कि उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का कोई केस नहीं बनता है, लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी एक नहीं सुनी थी.

READ ALSO: तेजस्वी का चिराग पर निशाना, कहा- 'उन्हें थोड़ा RSS के इतिहास के बारे में...'

इससे पहले हाई कोर्ट ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को उचित ठहराया था और यह भी कहा था कि ईडी के पास इस बात के पर्याप्त साक्ष्य हैं. इसलिए हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को गलत करार नहीं दिया जा सकता. इसके बाद हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

Trending news