मुंगेर में किसान अब धान के बदले करेंगे मक्के की खेती, जिले में सुखाड़ को लेकर सरकार ने लिया निर्णय
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मुंगेर में किसान अब धान के बदले करेंगे मक्के की खेती, जिले में सुखाड़ को लेकर सरकार ने लिया निर्णय

जिलाधिकारी नवीन कुमार सहित प्रमंडल जिले के सभी जिले के सभी जिला कृषि पदाधिकारी सहित कृषि से संबधित अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे. वही इस मौके पर कृषि एवं परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि मुंगेर कमिश्नरी क्षेत्र में इस बार काफी कम बारिश हुई है.

मुंगेर में किसान अब धान के बदले करेंगे मक्के की खेती, जिले में सुखाड़ को लेकर सरकार ने लिया निर्णय

मुंगेर:  मुंगेर जिले में अब किसान धान के बदले मक्के की खेती करेंगे. जिले में सुखाड़ को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है. सुखाड़ प्रभावित किसान को निशुल्क मुक्के का बीज दिया जाएगा. सचिव कृषि एवं परिवहन सह जिला  प्रभारी सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने यह जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने कहा कि मक्के की खेती से सुखाड़ प्रभावित किसान अपने घाटे की भरपाई कर सकेंगे.

बता दें कि एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे कृषि एवं परिवहन सचिव सह जिला  प्रभारी सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने  समाहरणालय सभागार में बैठक  समीक्षात्मक बैठक की. इस बैठक में उद्यान निदेशक अभिषेक कुमार ,उप निदेशक शष्य कृषि डॉ राजेश कुमार ,जिलाधिकारी नवीन कुमार सहित प्रमंडल जिले के सभी जिले के सभी जिला कृषि पदाधिकारी सहित कृषि से संबधित अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे. वही इस मौके पर कृषि एवं परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि मुंगेर कमिश्नरी क्षेत्र में इस बार काफी कम बारिश हुई है. हर वर्ष की अपेक्षा इस बार 50 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इसके कारण कई इलाकों में धान की खेती नहीं हुई है. ऐसे में किसानों को कम से कम कृषि फीडर से बारह घंटे बिजली उपलब्ध कराई जाए.

इसके साथ ही डीजल से खेती करने वाले किसानों को डीजल अनुदान की राशि मुहैया कराई जाएगी।. उन्होंने कहा कि जहां वर्षा कम हुई है तथा इसके कारण धान की खेती कम हुई है, ऐसे में वहां के किसान मक्के के खेती करें. इसके लिए सरकार उन्हें बीज तथा तकनीकि सहायता मुफ्त में उपलब्ध कराएगी. इससे किसानों के घाटे की पूर्ति की जा सकती है. सचिव ने कहा कि असरगंज, खड़गपुर, संग्रामपुर, तारापुर तथा टेटिया बम्बर में धान का बिचड़ा तैयार है पर वर्षा के अभाव में वहां धान नहीं लग पाया है. ऐसे में किसान वहां मक्का लगाएं.

बता दें कि मक्के की खेती में धान की खेती की अपेक्षा एक तिहाई पानी की जरूरत होती है. ऐसे में सूखे के समय में मक्का किसानों के लिए वरदान साबित होगा. जलवायु परिवर्तन के कारण हर साल कम बारिश हो रही है. ऐसे में किसानों को अच्छी गुणवत्ता के मक्के का बीज दिया जाएगा. यदि किसान अगले दस दिन में मक्का लगा लेते हैं उन्हें अच्छा उत्पादन मिल सकेगा. सरकार दस हजार हेक्टेयर में मक्का की खेती के लिए मुफ्त बीज मुहैया कराएगी.

इनपुट- प्रशांत कुमार

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