मरवाही: इस सीट पर 2003 से अजीत जोगी परिवार का कब्जा रहा है
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मरवाही: इस सीट पर 2003 से अजीत जोगी परिवार का कब्जा रहा है

यह सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. 2003 से अजीत जोगी परिवार का इस सीट पर कब्जा रहा है.

(फोटो साभार अजीत जोगी फेसबुक)

मरवाही (एसटी): मरवाही विधानसभा परंपरागत तौर पर कांग्रेस की सीट रही है. 1977 में पहली बार इस सीट पर विधानसभा चुनाव हुआ था. 1977 से 1990 तक कांग्रेस का लगातार इस सीट पर कब्जा रहा. 1990 के विधानसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी को यहां जीत मिली. बीजेपी के भंवर सिंह ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीता था. 1993 के चुनाव में फिर से कांग्रेस की जीत हुई. 1998 के चुनाव में फिर से बीजेपी ने यहां बाजी मार ली. 2003 विधानसभा चुनाव से 2013 तक लगातार इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. छत्तीसगढ़ के पूर्व और पहले मुख्यमंत्री रह चुके अजीत जोगी ने इस सीट से लगातार 2003 और 2008 का चुनाव जीता. 2013 में उनके बेटे अमित जोगी ने यहां से चुनाव जीता. 

2018 विधानसभा चुनाव से पहले अजीत जोगी ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी नई पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बना ली. अजीत जोगी की पार्टी और बसपा मिलकर छत्तीसगढ़ में चुनाव लड़ रही है. अजीत जोगी इस सीट से गठबंधन के प्रत्याशी हैं. बीजेपी ने यहां से अर्चना पोर्ते को प्रत्‍याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस ने गुलाब सिंह राज को मैदान में उतारा है. यह देखने वाली बात होगी कि अजीत अपनी परंपरागत सीट बचा पाते हैं कि नहीं.

2013 चुनाव के नतीजे
2013 विधानसभा चुनाव में अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था. अमित जोगी ने बीजेपी के समीरा पैकरा को हराया था. अमित जोगी को 82909 और समीरा को 36659 वोट मिले थे.

2008 चुनाव के नतीजे
2008 के चुनाव में खुद अजीत जोगी यहां से मैदान में खड़े थे. उन्होंने बीजेपी के ध्यान सिंह पोर्ते को हराया था. अजीत जोगी को 67523 और ध्यान सिंह पोर्ते को 25431 वोट मिले थे.

2003 चुनाव के नतीजे
2003 के चुनाव में भी अजीत जोगी ने यहां पर जीत दर्ज की थी. उन्होंने बीजेपी के नंद कुमार को हराया था. उस चुनाव में अजीत जोगी को 76269 और नंद कुमार को 22119 वोट मिले थे. 

बता दें, छत्तीसगढ़ का गठन 1 नवंबर 2000 में हुआ था. अजीत जोगी इस सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर विधानसभा पहुंचे और राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने. इस तरह से जोगी परिवार का इस सीट पर पिछले 18 सालों से कब्जा है. अजीत जोगी की सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि जनता उन्हें कांग्रेस के नेता के रूप में जानती है. लेकिन, इस चुनाव में वे अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह 'हल जोतता हुआ किसान' से मैदान में हैं. अजीत जोगी की चुनौती यह है कि वह अपने मतदाताओं को तक यह बात पहुंचा सके कि वे इस बार अपनी पार्टी से मैदान में हैं और उनका चुनाव चिन्ह  'हल जोतता हुआ किसान' है.

इस सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 1,81,479 है. इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 89,687 और महिला मतदाताओं की संख्या 91,792 है. 2011 जनगणना के मुताबिक, यहां अनुसूचित जाति (एससी) करीब 15.86 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) की आबादी करीब 14.68 फीसदी है.

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