भाई ने नौकरी नही छोड़ी ओर कहता था कि दीदी मुझे देश की रक्षा करने का मौका मिला है. मैं जंग में पीठ पीछे नही बल्कि सामने से सीने में गोली खाऊंगा. और अपने वतन के लिए शहीद होऊंगा.
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नई दिल्ली/दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में रहने वाली एक महिला ऐसी है जो अपने इकलौते छोटे भाई की शहादत के बाद भाई की प्रतिमा पर राखी बांधकर रक्षाबंधन मनाती है. शांति अपने ससुराल से आकर न सिर्फ अपने शहीद भाई की प्रतिमा पर राखी बांधती है बल्कि उसका मुंह मीठा भी कराती है. दरअसल, दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय के ट्राइबल कॉलोनी में रहने वाली शांती उइके का भाई राजेंद्र गायकवाड़ तोंगपाल थाना क्षेत्र में पदस्थ थे. जो मार्च 2014 में हुई एक नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए. राजेंद्र, शांति के इकलौते छोटे भाई थे. ऐसे में भाई के इस दुनिया में न होने पर वह भाई की प्रतिमा को ही राखी बांधकर खुश रहती है और राखी की सभी रस्में निभाती है.
जंग में पीछे से नहीं सीने में गोली खाउंगा
अपने छोटे भाई की मौत के बाद भी शांति आज भी अपने भाई को अपने पास ही मानती है और हर साल शांति पर ससुराल से टेकनार अपने मायके आती है. ताकि वहां मौजूद अपने भाई की प्रतिमा को राखी बांध सके. शांति के मुताबिक, मेरा एक ही लाडला छोटा भाई था. जब उसकी पुलिस में नौकरी लगी तब मैंने मना किया था कि भाई यह इलाका खतरों से भरा है तू पुलिस की नौकरी मत कर, लेकिन भाई ने नौकरी नही छोड़ी ओर कहता था कि दीदी मुझे देश की रक्षा करने का मौका मिला है. मैं जंग में पीठ पीछे नही बल्कि सामने से सीने में गोली खाऊंगा. और अपने वतन के लिए शहीद होऊंगा.
Chhattisgarh: A woman from Dantewada whose brother was killed by Naxals, ties rakhi on his idol every #RakshaBandhan, says,"He was posted in Sukma's Tongpal. On March 2014 he died during a search operation. I feel bad that I can't tie him in person but I'm proud of him."(25.8.18) pic.twitter.com/Pw9IZS5LBA
— ANI (@ANI) August 25, 2018
राखी पर देती थी भाई को गिफ्ट
शांति आगे बताती है कि "आज मेरा भाई इस दुनिया मे नही है, लेकिन मुझे गर्व है कि मेरे भाई ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए. मैंने कभी राखी पर अपने भाई से कुछ नहीं लिया करती थी बल्कि उसे दिया करती थी. उसकी शहादत के बाद भी मैं उसकी प्रतिमा पर रक्षा सूत्र बांधती हूं, लेकिन दुख इस बात का है कि उसे कुछ दे नही पाती हूं." शांति और उसका परिवार अपने शहीद भाई के साथ केवल रक्षा बंधन का पर्व ही नहीं बल्कि भाईदूज, होली, दीपावली, या फिर अन्य कोई भी त्यौहार हो साथ ही मनाते हैं.