मध्य प्रदेश में हो रहे किसान आंदोलन के पहले दिन फलों, सब्जियों और दूध की सप्लाई बंद करने की खबरों के बीच संवेदनशील माने जा रहे नीमच जिले में भी आंशिक असर दिख रहा है.
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ग्वालियर: मध्य प्रदेश में हो रहे किसान आंदोलन के पहले दिन फलों, सब्जियों और दूध की सप्लाई बंद करने की खबरों के बीच संवेदनशील माने जा रहे नीमच जिले में भी आंशिक असर दिख रहा है. शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात है. दूध, सब्जी और फल की सप्लाई पर भी मामूली असर दिख रहा है. शहर के हाइवे पर भी पुलिस की पेट्रोलिंग जारी है. वही प्रदेश में नंबर वन मानी जाने वाली कृषि उपज मंडी भी वीरान दिखाई दी.
एक तरफ जहां अंचल से किसान अपनी उपज बेचने के लिए नहीं आए तो वहीं दूसरी ओर सब्जी मंडी में भी कुछ किसान ही सब्जी और फल लेकर आए. हालांकि शहरवासियों को दूध, सब्जी, फल किसी भी प्रकार की खरीदी में कोई समस्या नहीं हुई. साथ ही पिछली बार किसान आंदोलन के दौरान हुई हिंसक घटना को देखते हुए यात्रीबसों पर भी असर दिखने को मिला है. बस चालक और यात्रियों का कहना है कि पिछली बार के आंदोलन से लोग अभी तक दहशत में हैं. इस के चलते बसें खाली दिखाई दे रही हैं.
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किसान आंदोलन को लेकर नीमच कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह का कहना है कि आज पहले दिन हालत सामान्य हैं और दूध की ज्यादा सप्लाई हुई है. कोई भी किसी भी प्रकार का उत्पात मचता है तो उस पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी.
दोगुने हुए सब्जियों और फलों के दाम
किसान आंदोलन के चलते नवबहार की सब्जी मंडी में इसका व्यापक असर देखने मिला. सब्जी मंडी में कोई भी किसान अपनी सब्जी लेकर नहीं पहुंचा जिसके बाद पूरी सब्जी मंडी में सन्नाटा पसरा रहा. यहां तक कि डीलरों की दुकान भी पूरी तरह से बंद रहीं. वहीं रतलाम में फिलहाल आंदोलन का खास असर देखने नहीं मिला. किसानों के मंडी में आने का सिलसिला तो जारी रहा, लेकिन सब्जियों और फलों के दाम दोगुने हो गए. इसके साथ ही मंदसौर में भी आंदोलन के पहले दिन खास असर दिखाई नहीं दिया. किसान बड़ी संख्या में अपनी फसल और सब्जी लेकर मंडी पहुंचे, लेकिन यहां भी ग्राहकों की शिकायत है कि सब्जियों के दाम 25 से 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिए गए हैं.