बता दें इससे पहले ग्वालियर में सवर्ण समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर का घेराव कर उनसे इस्तीफे की भी मांग की थी.
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भोपालः केंद्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में 35 संगठनों द्वारा छह सितंबर को बुलाए गए भारत बंद को लेकर मध्य प्रदेश का प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और कई जिलों में निषेधाज्ञा लागू किए जाने के साथ भारी पुलिस बल की तैनाती की जा रही है. राज्य के विभिन्न हिस्सों में बीते एक सप्ताह से एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में आंदोलनों का दौर जारी है. आलम यह है कि भाजपा और कांग्रेस के जन प्रतिनिधियों को जनाक्रोश का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इस बंद के आह्वान ने प्रदेश सरकार और सत्ताधारी दल की नींद उड़ाकर रख दी है.
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छतरपुर, शिवपुरी, भिंड, ग्वालियर में धारा 144 लागू
पुलिस महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) मकरंद देउस्कर ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से और कई स्थानों पर सौंपे गए ज्ञापनों से पता चला है कि बुधवार को भारत बंद का आह्वान किया गया है. इसके मद्देनजर सुरक्षा के इंतजाम किए जाने के साथ कई जिलों में निषेधाज्ञा लागू की गई है. विभिन्न सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छतरपुर, शिवपुरी, भिंड, अशोकनगर, गुना, ग्वालियर आदि स्थानों पर निषेधाज्ञा 144 लागू कर दी गई है. वहीं पुलिस बल को सतर्क कर दिया गया है.
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ग्वालियर-चंबल अंचल में सबसे ज्यादा हिंसा
गौरतलब है कि दो अप्रैल को आरक्षित वर्ग द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान ग्वालियर-चंबल अंचल में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी. इसमें चार लोगों की मौत भी हुई थी. इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य का प्रशासन और पुलिस पूरी तरह सतर्क है, पुलिस बल की तैनाती की गई है. बता दें इससे पहले ग्वालियर में सवर्ण समाज के लोगों ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर का घेराव कर उनसे इस्तीफे की भी मांग की थी. वहीं कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय मंत्री थारवचंद गहलोत को भी सवर्णों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था.