मध्यप्रदेश के धार जिला अस्पताल में आरक्षकों की भर्ती में अभ्यार्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने के बाद मचा बवाल अभी थमा नही हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली/ग्वालियर: मध्यप्रदेश के धार जिला अस्पताल में आरक्षकों की भर्ती में अभ्यार्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिखने के बाद मचा बवाल अभी थमा नही हैं कि इस भिंड के जिला चिकित्सालय में आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में मेडिकल टेस्ट के दौरान गंभीर लापरवाही सामने आई है. आरोप है कि यहां मेडिकल चेकअप टीम ने एक ही कमरे में युवक और युवतियों का मेडिकल चेकअप किया है. जिला चिकित्सालय में युवतियों के सामने ही युवकों की अर्धनग्न अवस्था में मेडिकल जांच की गई. वहीं जिला चिकित्सालय में युवतियों के मेडिकल टेस्ट के लिए कोई भी महिला चिकित्सक या नर्स मौजूद नहीं थी. इस खबर के फैलते ही हड़कंप मच गया है.
पुरुष चिकित्सकों ने किया महिला अभ्यर्थियों का मेडिकल चेकअप
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भिंड पुलिस लाइन में 217 महिला और पुरुष आरक्षकों की भर्ती हुई है. अभ्यर्थियों को समूह में बांटकर अलग-अलग चरणों में जिला चिकित्सालय में मेडिकल टेस्ट कराया जा रहा है. इनमें से ही 39 युवक-युवतियों के मेडिकल टेस्ट करवाए गए. इन सभी को एक ही कमरे में बुलाया गया और अर्धनग्न अवस्था में युवकों के सामने युवतियों का मेडिकल टेस्ट भी किया गया. आपको बता दें कि युवतियों का मेडिकल चेकअप बिना किसी महिला चिकित्सक की मौजूदगी में किया गया. जिन 39 युवक-युवतियों के मेडिकल टेस्ट किए गए थे, उनमें से 18 युवतियां और 21 युवक शामिल थे. वहीं इस मामले में जब चिकित्सालय से जुड़े अधिकारियों से बात की गई, तो कोई भी आधिकारिक रूप से इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं हुआ.
कांस्टेबल भर्ती में अभ्यार्थियों के सीने पर लिख दिया था SC/ST
गौरतवब है कि धार जिले में पिछले दिनों कॉन्सेटबल के पद के लिए भर्ती के लिए आए अभ्यार्थियों की पहचान के लिए जिला अस्पताल ने अभ्यार्थियों के सीने पर एससी-एसटी लिख दिया था. मामले के तूल पकड़ने पर मध्य प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे. इस मामले में जांच के बाद दोषी पाए गए जिला पुलिस बल के निरीक्षक नानूराम वर्मा व SAF दल के उप निरीक्षक नानूराम मोवेल को तत्काल निलंबित कर दिया गया था. साथ ही दोषी चिकित्सकों पर कार्यवाही के लिए कलेक्टर को निर्देशित किया गया था.
धार में इस मामले पर अस्पताल प्रबंधन ने कहा था कि कुछ समय पहले महिला आरक्षक की ऊंचाई नापने में हुई गड़बड़ी को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया था. आरक्षित वर्ग की ऊंचाई नापने में कोई गड़बड़ न हो इसलिए अलग-अलग वर्ग के अभ्यर्थियों के सीने पर उनकी जाती उल्लेखित कर दी गई थी. आपको बता दें कि सामान्य और दूसरे पिछड़ा वर्ग के लिए 168 सेमी और एससी-एसटी के लिए 165 सेमी की ऊंचाई निर्धारित की गई है.