Chhindwara Lok Sabha Chunav: क्या कांग्रेस की साख बचा पाएगा छिंदवाड़ा? वोटिंग हुई खत्म, अब रिजल्ट का इंतजार
Advertisement

Chhindwara Lok Sabha Chunav: क्या कांग्रेस की साख बचा पाएगा छिंदवाड़ा? वोटिंग हुई खत्म, अब रिजल्ट का इंतजार

Chhindwara Lok Sabha Chunav: मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित माने जाने वाली छिंदवाड़ा इकलौती ऐसी लोकसभा सीट है, जिस पर 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. अब देखना है कि क्या कमलनाथ का गढ़ कही जाने वाली यह सीट कांग्रेस की साख बचा पाएगी?

Chhindwara Lok Sabha Chunav: क्या कांग्रेस की साख बचा पाएगा छिंदवाड़ा? वोटिंग हुई खत्म, अब रिजल्ट का इंतजार

Chhindwara Lok Sabha Chunav: छिंदवाड़ा लोकसभा सीट के लिए पहले फेज में 19 अप्रैल को पहले चरण में मतदान हो गया है. यहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही पूरी ताकत झोंक दी है. मध्य प्रदेश की सबसे चर्चित माने जाने वाली छिंदवाड़ा ऐसी इकलौती लोकसभा सीट है, जिस पर 2019 के आम चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इस बार भाजपा ने मिशन 29 यानी प्रदेश की सभी सीटों को जीतने के लिए दमखम से प्रचार किया. प्रचार के आखिरी दिन तक दिग्गजों के दौरे चलते रहे.

भाजपा ने जिस सीट के लिए सबसे ज्यादा जोर आजमाइश की है. वह कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है. पिछले चुनाव की तरह कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ ही चुनावी मैदान में हैं, लेकिन वे पिता के चेहरे पर चुनाव लड़ रहे हैं. कमलनाथ समेत पूरी कांग्रेस ने प्रदेश में इकलौती साख को बचाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है. 

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट पर वोटिंग

सुबह पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपनी परविवार के साथ मताधिकार का इस्तेमाल किया.

छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार नकुलनाथ ने भी परिवार के साथ वोट डाला. 

नकुलनाथ ने कहा, "छिंदवाड़ा की जनता सच का साथ देगी। हमने 44 साल तक छिंदवाड़ा की जनता के लिए काम किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि जनता हमें आशीर्वाद देगी..."

छिंदवाड़ा में सुबह 9 बजे तक 15.50% मतदान हुआ.

छिंदवाड़ा में 11 बजे तक 32.51% वोटिंग हुई . 

छिंदवाड़ा में दोपहर 1 बजे तक 49.68% वोटिंग हुई. 

छिंदवाड़ा में दोपहर 3 बजे तक 62.57% वोटिंग हुई. 

छिंदवाड़ा में शाम 5 बजे तक  73.85% वोटिंग हुई.

छिंदवाड़ा में शाम 6 बजे तक 79.59% वोटिंग हुई.

कमलनाथ का गढ़ माना जाता है छिंदवाड़ा
कमलनाथ लोकसभा सीट को कमलनाथ का गढ़ कहा जाता है. 1997 उपचुनाव को छोड़ दिया जाए तो यहां 1980 से नाथ परिवार का कब्जा है. कमलनाथ खुद यहां से 9 बार सांसद रह चुके हैं. 1996 में हवाला कांड में कमलनाथ का नाम आने पर पार्टी ने कमलनाथ की पत्नी अलका नाथ को मैदान में उतारा. इस चुनाव में अलका नाथ की भी जीत हुई. हालांकि, 8 महीने बाद अलका नाथ के इस्तीफा के चलते हुए उपचुनाव में कमलनाथ पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा से हार गए. यह कमलनाथ की छिंदवाड़ा से पहली और इकलौती हार थी. 

ये भी पढ़ें- छिंदवाड़ा ने हमेशा बचाई कांग्रेस की इज्जत, 24 में BJP की इसलिए है नजर, समझें समीकरण

2019 चुनाव परिणाम
2018 में विधानसभा चुनाव में जब कमलनाथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने लोकसभा से इस्तीफा दे दिया. यहां से कांग्रेस ने 2019 में नकुल नाथ को मैदान में उतारा. इस चुनाव में नकुल नाथ ने भाजपा के नाथन शाह को हराया.  2019 में कांग्रेस मध्य प्रदेश की 29 में 28 सीटों पर चुनाव हार गई थी. छिंदवाड़ा ने कांग्रेस की साख बचाई.

2014 चुनाव परिणाम
2014 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से खुद कमलनाथ लड़ रहे थे. कमल नाथ ने 559,755 वोट हासिल कर भाजपा  चौ. चंद्रभान कुबेर सिंह को हराया. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस एमपी में सिर्फ छिंदवाड़ा और गुना में ही जीत हासिल कर सकी थी.

Trending news