डूंगरपुर: रात को भी अब धरने पर बैठी एएनएम-एलएचवी महिलाएं, कही ये बड़ी बात
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डूंगरपुर: रात को भी अब धरने पर बैठी एएनएम-एलएचवी महिलाएं, कही ये बड़ी बात

डूंगरपुर न्यूज: रात को भी अब धरने पर एएनएम-एलएचवी महिलाएं बैठ गई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि 19 दिनों से धरने पर वह बैठी हैं लेकिन फिर भी सरकार ने उनकी मांगों को अब तक नहीं सुना है.

डूंगरपुर: रात को भी अब धरने पर बैठी एएनएम-एलएचवी महिलाएं, कही ये बड़ी बात

Dungarpur: डूंगरपुर जिले में 19 दिनों से कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठी एएनएम- एलएचवी महिलाओं ने अब रात के समय भी धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. एएनएम- एलएचवी कार्मिकों ने कहा कि रात के समय किसी महिला का घर से बाहर रहना समाज में गलत तरीके से देखा जाता है. फिर भी सरकार को संदेश देने अब रात को भी प्रदर्शन करेंगी. 

सरकार जब तक उनकी मांगों का सम्मान नहीं करती तब तक वे नहीं उठेंगी. एलएचवी व एएनएम संघ की जिला अध्यक्ष पुष्पा मीणा ने बताया कि अपनी मांगों के लिए वह 1 मई से कलेक्ट्री के सामने धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं. आंदोलन के 19 दिन का वक्त हो गया है लेकिन सरकार अब तक उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. 

रात में किया धरना शुरू

इस वजह से अब दिन के साथ ही रात के समय भी कलेक्ट्री पर धरना दिया जाएगा. शुक्रवार रात को महिला एएनएम और एलएचवी ने बिस्तर लेकर कलेक्ट्री पर डेरा डाल दिया. सरकार के 
खिलाफ नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. पुष्पा मीणा ने बताया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है. जबकि उनकी कोई भी मांग बड़ी नहीं है. उन्होंने कहा कोरोना के समय में भी महिला एएनएम और एलएचवी ने अपना घर बार छोड़कर लोगों की सेवा में दिन रात जुटी रहीं. आज भी यही महिलाएं गांव में छोटी मोटी बीमारी पर भी लोगों के घर जाकर दवाई दे रही हैं. 

नौकरी के साथ ही अपने घर परिवार को संभाल रही हैं. सरकार महिलाओं के सम्मान की बात करती है लेकिन महिलाओं की बात ही नहीं सुनी जा रही है. इसलिए रात के समय धरने पर बैठना पड़ रहा है. जबकि एक महिला का रात को घर से निकलना अच्छा नहीं माना जाता. बावजूद सरकार से मांगें मनवाने महिलाएं घर से निकली हैं.

मांगें नहीं मानने पर आंदोलन रहेगा जारी

पुष्पा मीणा ने कहा कि एलएचवी व एएनएम अपने पदनाम बदलने की मांग लम्बे समय से कर रहे हैं. नाम परिवर्तन करने से सरकार पर कोई वित्तीय भार भी नहीं आएगा लेकिन सरकार ने इस और अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है. वहीं वेतन विसंगतियों को भी दूर करने की मांग है. लेकिन यहां भी सरकार का रवैया उदासीन नजर आ रहा है. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तब तक आंदोलन चलता रहेगा.

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