भारत बंद: पिता को कंधे पर लेकर पहुंचा अस्पताल, फिर भी नहीं बचा पाया जान
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भारत बंद: पिता को कंधे पर लेकर पहुंचा अस्पताल, फिर भी नहीं बचा पाया जान

बिजनौर में प्रदर्शनकारियों ने बीमार वृद्ध को इलाज के लिए ले जा रही एंबुलेंस को बीच में ही रोका दिया, जिसकी वजह से बुजुर्ग की जान चली गई. 

दलित समाज के विरोध प्रदर्शन के चलते बिजनौर में जाम में एंबुलेंस के फंस जाने की वजह से वृद्ध की मौत हुई...

बिजनौर: एससी/ एसटी एक्ट को कथित रूप से कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के खिलाफ सोमवार को पूरे देश में बंद के चलते कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित रहा. कई जगह प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रुख अख्तियार कर लिया.

  1. भारत बंद की वजह से गई बुजुर्ग की जान
  2. प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को जाने से रोका
  3. कंधे पर पिता को लेकर अस्पताल पहुंचा बेटा

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में एससी/ एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में प्रदर्शन ने इंसानियत को उस वक्त शर्मसार कर दिया, जब एक बीमार वृद्ध को इलाज के लिए ले जा रही एंबुलेंस को बीच में ही रोक दिया गया. बीमार वृद्ध की पत्नी गिड़गिड़ाती रही, बेटा पिता की जिंदगी के लिए हाथ जोड़ता रहा, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस को नहीं निकलने दिया. बीमार पिता को कंधे पर डालकर बेटा जैसे-तैसे एक प्राइवेट डॉक्टर के पास पहुंचा, लेकिन तब तक बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया था. 

 

 

...तो नहीं जाती जान
मृतक की पत्नी विमला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है. वो जाम को अपने पति की मौत का जिम्मेदार मान रही हैं. उन्होंने कहा, 'अगर आज जाम नहीं होता तो मेरी पति की जान बच जाती. आज अगर मेरे माथे का सिंदूर उजड़ा है, तो उसका जिम्मेदार ये जाम ही है.' उन्होंने कहा, 'अगर जाम में एंबुलेंस नहीं फंसती तो अस्पताल पहुंचकर उनके पति का इलाज हो जाता और वो आज जिन्दा होते. जाम और कुछ लोगों की अराजकता ने मेरे पति को मुझसे छीन लिया.'

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सीने में दर्द की थी शिकायत 
थाना कोतवाली देहात के गांव बरूकी निवासी 65 वर्षीय लोकमण कई दिनों से बीमार थे. सीने में दर्द की शिकायत पर दो दिन पहले जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से छुट्टी मिलने के बाद उनको घर भेज दिया गया था. सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उनको निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए निकले थे. लेकिन, दलित समाज के लोगों ने शहर के शास्त्री चौक पर जाम लगाया हुआ था, जिस वजह से एंबुलेंस जाम में फंस गई.

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बेटा कंधे पर उठाकर पहुंचा अस्पताल 
लाख कोशिशों के बाद भी जब जाम नहीं खुला तो बेटे ने पिता को कंधे में उठाकर एक निजी डॉक्टर के पास लेकर पहुंचा. परिजनों का आरोप है कि राजू को धकेलकर जमीन पर गिरा दिया गया. जैसे-तैसे भीड़ के आक्रोश से बचाकर परिजन मरीज को एक निजी डॉक्टर के पास लेकर पहुंचे. जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया. 

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डॉक्टर के पास पहुंचने में लगा एक घंटा
पीड़ितों का कहना है कि जाम इतना था कि एक किलोमीटर की दूरी तय करने में एक घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया. कई बार भीड़ से धक्का-मुक्की भी हुई. पिता को बचाने की कोशिश में बेटे आखिरी दम तक कोशिश करते रहे, लेकिन अफसोस कि वे उन्हें बचा नहीं सके. 

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